अन्तर्राष्ट्रीय

जानें, कैसे बोल्ड डिसीजन लेकर अपनी कट्टरवादी छवि से पीछा छुड़ा रहा है सऊदी अरब

नई दिल्‍ली। सऊदी अरब में बदलाव की बयार तेज हो चली है। पहले महिलाओं को वोटिंग का अधिकार दिया गया। इसके बाद उन्‍हें वाहन चलाने की इजाजत दी गई। फिर सभी विवादों से अलग हटकर योग को लेकर बेहद बोल्‍ड डिसीजन लेते हुए इसको खेल-कूद के तहत मान्‍यता दी गई। फिर विदेशी निवेशकों को न्योता दिया गया।जानें, कैसे बोल्ड डिसीजन लेकर अपनी कट्टरवादी छवि से पीछा छुड़ा रहा है सऊदी अरब

अब इसी सीरीज के तहत सऊदी शासन ने सार्वजनिक रूप से फिल्मों को दिखाए जाने पर लगे 35 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है। इस बोल्‍ड डिसीजन के बाद सऊदी के लोग भी टॉकीज में जाकर देश-विदेश की फिल्में देख पाएंगे। यह सब फैसले बताते हैं कि सऊदी अरब अब अपनी कट्टरवादी छवि को तोड़कर नए युग में एंट्री ले रहा है। कहने का अर्थ है कि सऊदी अरब में बदलाव की बयान पूरे शबाब पर है। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. अहमद इलियासी भी मानते हैं बीते कुछ समय में जो सऊदी ने फैसले लिए है वह वास्‍तव में एक क्रांति की तरह हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि बदलते समाज में यह वक्‍त की मांग भी है।

जल्द ही खोले जाएंगे सिनेमा घर 

अपने ताजे फैसले में सरकार ने निर्णय लिया है कि पूरे देश में जल्द ही सिनेमा घर खोले जाएंगे। पहला सिनेमा हॉल अगले साल मार्च तक खुलने की उम्मीद की है। धार्मिक कट्टरपंथ को अपनाने वाले देश ने 80 के दशक में सिनेमा के साथ सार्वजनिक मनोरंजन की सभी चीजों को प्रतिबंधित कर दिया था।

अब सऊदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में यहां कई प्रकार के बदलाव किए जा रहे हैं। यहां पर हम आपको यह भी बता दें कि पिछले दिनों ही सऊदी के क्राउन प्रिंस ने एक अन्‍य सऊदी प्रिंस के जरिए लियोनार्डो द विंची की बनाई एक तस्‍वीर को अरबों रुपये में खरीदा था। इसके बाद यह अब तक की सबसे महंगी पेंटिंग बन गई थी। यह इसलिए भी खास थी क्‍योंकि सऊदी अरब इस्‍लाम से अलग किसी अन्‍य धर्म को स्‍वीकार नहीं करता है। इसको लेकर उसकी सोच काफी कट्टरवादी रही है। क्राउन प्रिंस द्वारा इस पेंटिंग को खरीदना भी देश में हो रहे बदलाव की और ही इशारा करता है।

आर्थिक स्थिति भी होगी मजबूत 

अपने ताजे फैसले से सरकार को उम्मीद है कि मनोरंजन उद्योग के विकास के बाद देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से घटी तेल की कीमतों के कारण यहां की अर्थव्यस्था को काफी नुकसान हुआ है। सऊदी में 2030 तक 2000 से ज्यादा स्क्रीन वाले 300 सिनेमा हॉल बनाए जाएंगे। इसके कारण करीब 30 हजार स्थायी नौकरियों का सृजन होगा। साथ ही सऊदी अर्थव्यवस्था को लगभग 1.54 लाख करोड़ रुपये का फायदा होगा। संस्कृति और संचार मंत्री अव्वाद बिन सालेह ने कहा कि सिनेमा के आने से अर्थव्यस्था के साथ ही विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा। सिनेमा और सिनेमा हॉल की लाइसेंसिंग से जुड़े कानूनों की घोषणा अगले कुछ सप्ताह में की जाएगी।

अब बदलाव की बयार 

आपको जानकर हैरत होगी कि एक समय में सऊदी अरब में महिलाओं की दशा अच्‍छी नहीं थी। वहां पर महिलाओं को कई अधिकारों से वंचित रखा गया था। लेकिन अब बदलाव की बयार में उन्‍हें धीरे-धीरे ही सही अधिकार मिल रहे हैं। लेकिन इसी संकुचित समाज से कुछ एक ऐसी भी महिलाएं निकल कर सामने आई हैं जिन्‍होंने देश में क्रांति लाने का काम किया है।

इनमें से ही एक नाम नॉउफ मारावी का भी है। अरब के कट्टर समाज में योग को खेल का दर्जा दिलाने का श्रेय 37 वर्षीय महिला योग गुरु नॉउफ मारावी को ही जाता है। वह 2005 से ही सरकार की विभिन्न एजेंसियों से योग को मान्यता देने के लिए जद्दोजहद कर रही थीं। आखिरकार सऊदी के क्राउन प्रिंस से मिलकर उन्‍हें अपनी मुहिम में सफलता भी मिली और योग को खेलकूद का दर्जा दिया गया। अब योग को कहीं भी और कभी भी सिखाया जा सकता है।

Related Articles

Back to top button