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जाने छींक के शुभ संकेत और अशुभ संकेत

नई दिल्ली। भारत में बहुत बार हम देखते है की लोग बहुत पढ़ लिख जाने के बाद अपनी पुरानी और रूढ़ि वादी परम्पराओं और मान्यताओं को छोड़ने के तैयार नहीं होते है। इसके पीछे भी कई कारण है। कई परम्पराएं और मान्यताएं जो हमरे पूर्वजो ने बनाये थे वे आज भी वैज्ञानिक विधि से भी एकदम सटीक बैठते है। आज के समय में बहुत से लोग आज भी इन नियमों को अंधविश्वास को मानते हैं। कई लोग अपने किसी भी काम की शुरुआत शुभ और अशुभ को जरूर देख कर करते हैं। ऐसे में कई लोग छींक को अशुभ मानते हैं। लेकिन ज्योतिषियों और शास्त्रों में छींक को बेहद शुभ माना जाता है। हम आपको इस बारे में बता रहें हैं कि छींक का आना कब शुभ और कब अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप किसी जरुरी काम से बाहर जा रहें हैं और पीछे से कोई छींक दे तो ऐसा माना जाता है कि काम में आसानी से सफलता मिलेगी। इसके साथ ही अगर आप नए कपड़े पहन रहें है उस समय अगर कोई छींकता है तो ऐसा करना आपको दुगुनी खुशी देने का संकेत देता है। ऐसा होने पर माना जाता है कि आपको जल्द ही नए कपड़े मिलने वाले हैं। शुभ काम को करते समय छींक आती है तो माना जाता है कि काम के पूरा होने में बाधा आएंगी। लेकिन अगर एक छींक के बाद दूसरी छींक आती है तो इसे शुभ माना जाता है। अगर अस्पताल इलाज के लिए जा रहें हैं और अस्पताल में जाते ही छींक आ जाए तो इसे शुभ संकेत माने ऐसा होने से बीमारी से जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है। अगर भोजन करने से पहले छींक आती है या कोई छींकता है तो ऐसा माना जाता है कि स्वादिष्ट व मनपसंद भोजन मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के मान्यतानुसार कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिनके करते समय छींक आती है तो अशुभ न होते हुए शुभ मानी जाती है। जैसे आसन, शयन, शौच, दान, भोजन, औषध सेवन, विद्यारंभ, बीजारोपण, युद्ध या विवाह में जाते वक्त बाईं ओर या पृष्ठ भाग में हुई छींक शुभ होती है।

“भोजने शयने दाने आसने वामे पृष्ठे युद्धे औषधसेवने अध्ययने बीजवापे एषु शुभा।”

यात्रा के समय छींक भी शुभ एवं अशुभ शकुन का संकेत देती है। सीधे हाथ की तरफ की गई छींक अशुभ और उल्टे हाथ की तरफ की गई छींक शुभ होती है। छींक को प्राय: अशुभ माना जाता है। शुभ कार्य के लिए गमन के समय यदि कोई छींक मार दे तो अपशकुन होता है। लोक मानस का विश्वास है कि एक से अधिक छींक आने पर अपशकुन नहीं होता। रोगी मनुष्य यदि बार-बार छींकता है तो भी इस पर अपशकुन नहीं होता।
छींक को लेकर समाज में कई प्रकार की मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि जब एक
छींक आए तो अशुभ फल का संकेत होता है लेकिन दूसरी छींक आए तो यह अशुभ फल को काट देता है। छींक को लेकर ऐसी ही कई मान्यताएं हैं। छींक के बारे में शास्त्र पुराणों में भी कई बातों का उल्लेख किया गया है। यहां कुछ ऐसे छींक की बात करते हैं जो शुभ फल प्राप्त होने का संकेत देते हैं।
नए वस्त्रों की प्राप्ति-
आप कोई नया कपड़ा पहन रहे हों उस समय अगर छींक आ जाए तो यह शुभ संकेत होता है। माना जाता है कि जल्दी ही उस व्यक्ति को फिर से नया वस्त्र मिलने वाला है।
अच्छे भोजन की प्राप्ति-
भोजन के समय छींक आना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन भोजन करने के तुरंत बाद अगर आपको छींक आती है तो यह अच्छा शगुन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे अच्छे भोजन की प्राप्ति होती है। कहीं कहीं ऐसी मान्तया है कि जब कोई याद करता है तो भोजन के समय छींक आती है।
ऐसी छींक होती है बहुत ही शुभ-
गरूड़ पुराण में बताया गया है कि यात्रा पर जाते समय अगर पूर्व दिशा की ओर से छींक सुनाई दे तो बड़ा ही शुभ होता है। इससे काम में सफलता मिलती है। दिन अच्छा बीतता है।
पश्चिम दिशा से छींक सुनाई देने का मतलब है मिष्टान भोजन की प्राप्ति होगी। वायव्य दिशा से छींक सुनाई देने पर धन लाभ मिलता है।
छींक अशुभ नहीं शुभ भी होती-
* शुभ कार्य के लिए जाते समय यदि गाय या उसका बछड़ा छींक दे तो निश्चित कार्य सिद्धि होती है। यह शकुन धन वृद्धि का भी सूचक है।
* मार्ग में यदि गजराज छींक दे तो राज्य लाभ होता है।
* रास्ते में अथवा घर के बाहर यदि कुत्ता छींक दे तो विघ्न और विपत्ति की सूचना है, यदि कुत्ता एक से अधिक बार छींक दे तो विपत्ति के टल जाने की संभावना है।
* दु:स्थान, श्मशान तथा किसी दुर्घटना स्थल पर कोई व्यक्ति छींक मार देता है तो इसे वैदिक साहित्य में शुभ माना जाता है।
* भूकम्प, दुर्भिक्ष या महामारी की सूचना पर यदि जीव-जंतु तथा मनुष्य छींक दें तो अनिष्ट
के दूर होने की संभावना रहती है।
* रसोई में दूध उबलते समय यदि गृहिणी छींक दे तो आपत्तिजनक है।
* दवाई का सेवन करते समय यदि छींक आए और औषधि गिर जाए तो रोग का निवारण शीघ्र होता है।

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