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जाने मोइन अख्तर कुरैशी का पूरा इतिहास, जिसकी वजह से संदेहो के घेरे में आये सीबीआई प्रमुख

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में इस वक्त घमासान मचा हुआ है। एजेंसी के टॉप दो अफसरों में मची इस खींचतान के बाद एजेंसी के डायरेक्टर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना, दोनों को ही छुट्टी पर भेज दिया गया है। हालांकि, दोनों अफसरों का यह टकराव नया नहीं है। काफी वक्त से चली आ रही इस खींचतान में एक शख्स का नाम प्रमुखता से उभरकर सामने आया है। इस शख्स का नाम है मीट कारोबारी मोइन अख्तर कुरैशी। कुरैशी वही शख्स हैं, जो इससे पहले सीबीआई के दो प्रमुख एपी सिंह और रंजीत सिन्हा के पतन की वजह बने।

नई दिल्ली: सीबीआई में पिछले चार वर्षों से ‘भूचाल’ लाने वाले मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के कई किस्से हैं। अपने कनेक्शन से सीबीआई के दो पूर्व डायरेक्टर एपी सिंह और रंजीत सिन्हा की नींद हराम कर देने वाले इस मीट कारोबारी की वजह से अब मौजूदा डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना बुरी तरह उलझ चुके हैं। सीबीआई के इतिहास में इस वक्त चल रहे सबसे बड़े विवाद के केंद्रबिंदु में मौजूद इसे बड़े मांस कारोबारी के बारे में ईडी की चार्जशीट में चौंकाने वाले तथ्य हैं। यह चार्जशीट पूर्व में अदालत में न केवल पेश हो चुकी है, बल्कि इसी आधार पर सीबीआई 2017 में अपने ही निदेशकों रंजीत सिन्हा और एपी सिंह के खिलाफ केस भी दर्ज कर चुकी है। इस मीट कारोबारी पर मनी लॉन्ड्रिंग, इनकम टैक्स चोरी, भ्रष्टाचार आदि से जुड़े मामलों की जांच चल रही है। उन पर हवाला के जरिए सरकारी अफसरों और राजनेताओं को बड़ी घूस देने का भी आरोप लगा है। दरअसल, कुरैशी का पहली बार नाम 2014 में सामने आया। यह जानकारी सामने आई कि कुरैशी 15 महीने में कम से कम 70 बार तत्कालीन सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा के घर गए। फिलहाल अस्थाना और वर्मा के बीच की लड़ाई से सुर्खियों में आए हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना ने बीते साल कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को बताया कि उन्होंने सीबीआई के एक मामले में अपने दोस्त की जमानत के लिए कुरैशी को एक करोड़ रुपये दिए थे। तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के घर से बरामद विजिटर डायरी से मोइन और उसकी बीवी के 70 से अधिक बार उनके घर पर मुलाकातें चर्चा का विषय बन चुकीं हैं। ये मुलाकातें कोयला घोटाले के आरोपियों को जांच के फंदे से बचाने के सिलसिले में हुईं थीं। इससे पता चलता है कि मोइन कुरैशी न केवल अपने हवाला लिंक और मनी लांडरिंग केस बल्कि दूसरे घोटाले के मामले के आरोपियों के केस भी रफा-दफा कराने के लिए अफसरों की सहायता लेता था। इससे उस दौर में मोइन कुरैशी की पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है। मोइन कुरैशी की बीवी नसरीन की बात करें तो वह पाकिस्तानी मूल की हैं। शादी से पहले नसरीन पाकिस्तान की अदाकारा थीं। कई छोटी फिल्मों और ड्रामा में रोल किए। फिर बाद में भारतीय मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के संपर्क में आईं तो शादी हुई। पेशे से फैशन डिजाइनर बेटी पर्निया कुरैशी का जन्म भी कराची में ही हुआ था। बीवी नसरीन अपनी लक्जरी लाइफ स्टाइल के लिए भी जानीं जातीं हैं। जब मोइन कुरैशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने जांच शुरू की थी, तब तैयार हुई चार्जशीट में बीवी नसरीन कुरैशी की लक्जरी लाइफस्टाइल का भी जिक्र था। 2011-2014 के बीच जांच एजेंसियों के अफसरों को भी विदेशी महंगे गिफ्ट से उपकृत करने का आरोप था। रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ था कि न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन के महंगे होटलों में रहने के दौरान नसरीन ने महंगे साजोसामान खरीदे। ईडी ने उन सभी होटल्स से भी बिल मांगे थे, जहां नसरीन ठहरीं थीं। चार्जशीट में दिल्ली के छतरपुर में कुरैशी परिवार के दो सौ करोड़ कीमत के एक फॉर्म हाउस का भी जिक्र है। नफासत का आलम यह था कि इसकी डिजाइनिंग के लिए कुरैशी ने फ्रेंच आर्किटेक्ट लुइस डेनियट को बुलाया था। ईडी ने फ्रेंच आर्किटेक्ट को हुए भुगतान की भी जांच की थी। जब 2011 में बेटी पर्निया की शादी थी तो जान गैलीनियों की डिजाइन किया 80 लाख गाउन पहनने का मामला चर्चा-ए-खास था। यह पहला मौका था, जब यह मीट कारोबारी बेटी की शादी की वजह से पहली बार सुर्खियों में आया। 2011 में बेटी की शाही शादी की बात छोड़ दें तो पहले मोइन कुरैशी नामक मीट कारोबारी को बहुत कम लोग जानते थे। मगर जब 2014 के लोकसभा चुनाव की कैंपेनिंग में जुटे नरेंद्र मोदी ने कई रैलियों में मोइन कुरैशी का मुद्दा उछाला। कभी पिंक इंडस्ट्री( भैंस मांस कारोबार) का लिंक यूपीए सरकार से जोड़ा तो कभी कांग्रेस के मंत्रियों से नजदीकी और दस जनपथ तक इस कारोबारी की पहुंच का खुलेआम आरोप लगाया। यह मामला इस कदर उछला कि यूपीए सरकार को फरवरी 2014 में ही मोइन कुरैशी के 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी करानी पड़ी। छापेमारी के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासा हुए। दुबई आधारित कंपनियों के जरिए हवाला कारोबार का लिंक मिला। ये कंपनियां मोइन की बीवी नसरीन के पाकिस्तानी नागरिक भाई की ओर से संचालित मिलीं थीं। सीबीआई के तत्कालीन दो निदेशकों एपी सिंह और रंजीत सिन्हा से कनेक्शन के सुबूत मिले। जिसके बाद पुलिस ने दोनों पूर्व सीबीआई निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज किए। रंजीत सिन्हा के यहां की विजिटर डायरी से जांच एजेंसियों को पता चला था कि 15 महीने में मोइन कुरैशी ने 70 बार उनके घर जाकर मुलाकात की। उस वक्त कोयला घोटाले की जांच के आरोपियों को बचाने के लिए रंजीत सिन्हा के घर पर ले जाकर डील करने की बात सामने आई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सिन्हा को सीबीआई जांच का सामना कर रहे आरोपियों से मुलाकात पर कड़ी फटकार लगाई थी। वहीं, 2012 से 2014 के बीच सीबीआई की अगुअवाई करने वाले सिन्हा इस तरह के आरोपों को खारिज करते रहे। बाद में 2014 में सामने आया कि कुरैशी और एक अन्य सीबीआई डायरेक्टर एसपी सिंह के बीच मैसेजेस का आदान-प्रदान हुआ। एपी सिंह 2010 से लेकर 2012 के बीच सीबीआई के प्रमुख रहे। शुरुआत में इस मामले की जांच इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने की। पिछले साल फरवरी में सीबीआई ने सिंह के खिलाफ एक मामला दर्ज किया। केस दर्ज करके सिंह और कुरैशी के कथित रिश्तों की जांच की जानी थी। इन आरोपों की वजह से सिंह को यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन की सदस्यता गंवानी पड़ी। सिंह ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया और कहा कि सीबीआई ने तो उनसे संपर्क तक नहीं किया। कुरैशी की वजह से अब आलोक वर्मा को भी अपना पद गंवाना पड़ा है। सरकार ने वर्मा के सारे अधिकार छीनते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया। अस्थाना का आरोप है कि वर्मा ने संदिग्ध सतीश बाबू सना से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत ली ताकि कुरैशी के मामले में राहत दी जा सके। वहीं, वर्मा ने अस्थाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने सतीश बाबू से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। बता दें कि कुरैशी ने 1993 में रामपुर में एक बूचड़खाना खोला था। धीरे धीरे वह देश के सबसे बड़े मीट निर्यातक बन गए। उन्होंने 25 से ज्यादा कंपनियां बनाईं। वह इन्फ्रास्ट्रक्चर और फैशन के क्षेत्र में भी बीते 25 साल से सक्रिय हैं। मोइन कुरैशी के पिता यूपी के रामंपुर जिले में बड़े अफीम कारोबारी थे। बताते हैं कि अफीम बेचकर पिता ने कोठी खड़ी कर ली। बेशुमार धन कमाया। इस बीच मोइन कुरैशी ने देहरादून के दून कॉलेज से पढ़ाई और दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफेंस कॉलेज से उच्चशिक्षा हासिल की। अच्छे संस्थानों में पढ़ाई के जरिए मोइन कुरैशी को बिजनेस को लेकर एक विजन मिला। उस विजन का उसने मीट कारोबार में उपयोग किया। पिता के पैसे से उसने रामपुर में 1993 में कसाईखाना खोला। फिर धंधा चमक निकला। देखते ही देखते मोइन कुरैशी ने दो दर्जन से ज्यादा मीट एक्सपोर्ट करने वालीं कंपनियां खड़ीं कर लीं। इन कंपनियों के जरिए मोइन कुरैशी विदेशों में भैंस का मांंस सप्लाई करने लगा। बात 2011 की है। जब मोइन कुरैशी की फैशन डिजाइनर बेटी पर्निया की शादी का मौका था। पर्निया की शादी लंदन के सीए अर्जुन प्रसाद से हुई थी। अर्जन का परिवार मनमोहन सरकार में मंत्री रहे जतिन प्रसाद का नजदीकी माना जाता है। उस शादी में मोइन ने पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान को गाने के लिए बुलाया था। वापसी के वक्त दिल्ली एयरपोर्ट पर राहत फतेह अली खान 56 लाख विदेशी मुद्रा के साध धरे गए थे। बेटी की शाही शादी को लेकर भी मोइन कुरैशी चर्चा में रहा। सात अगस्त 2015 को मुजफ्फर अली की फिल्म जानिसार रिलीज हुई। इस फिल्म में इमरान अब्बास नकवी के अपोजिट मोइन कुरैशी की बेटी पर्निया अभिनेत्री रहीं। आरोप लगते रहे कि बेटी को अभिनेत्री के तौर पर स्थापित करने के लिए मोइन कुरैशी ने फिल्म में पैसा लगाया था।

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