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जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति है खुशी : ब्रह्माकुमारी स्नेहमयी

रायपुर : राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी स्नेहमयी दीदी ने कहा कि जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति होती है-खुशी। खुश रहकर लगनपूर्वक काम करने से उस काम में सफलता अवश्य मिलेगी। यदि सफल नहीं भी हुए तो निराशा या हताशा से तो बच ही जाएंगे। खुश रहने से हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा। ब्रह्माकुमारी स्नेहमयी दीदी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में बच्चों के लिए आयोजित समर कैम्प के दूसरे सत्र में खुशी सबसे बड़ी सम्पत्ति विषय पर बोल रही थीं। उन्होंने बतलाया कि अगर आपको अभी मुस्कुराने के लिए कहें तो मुस्कुरा देंगे किन्तु क्रोध करने के लिए कहें तो नहीं कर पाएंगे। इसके पीछे मनोवैज्ञनिक कारण है। वह यह कि गुस्सा किसी कारण की वजह से आता है। जैसे किसी कार्य में असफल होना, मनचाही चीज नहीं मिलना अथवा अपमान होना आदि। गुस्सा करना स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है। खुश रहेंगे तो हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। दवाई या गोली आदि खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ब्रह्माकुमारी स्नेहमयी दीदी ने जीवन को हार और जीत का खेल बतलाते हुए कहा कि जीतने पर तो सभी मुस्कुराते हैं किन्तु हारने पर मुस्कुराते हुए आगे बढऩा ही सच्चे अर्थों में जिन्दगी जीना है। उन्होंने बच्चों को बतलाया कि मुस्कुराना तो अच्छी बात है लेकिन किसी को मजबूर देखकर या किसी की लाचारी पर कभी नहीं मुस्कुराना चाहिए। ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए।

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