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जीवन में अकेले ट्रेवल करना आपको देता है अनोखी सीख

किसी ने सही ही कहा है…. यात्रा करना एक खूबसूरत किताब पढ़ने जैसा है। ट्रैवलिंग वैसे तो लाइफ के सबसे अहम् पहलू में से एक है। घूमना-फिरना किसे पसंद नहीं होता, लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में ट्रेवल करने के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल हो चुका है। यदि हम समय निकाल भी लें तो कई बार खयाल आता है कि किसके साथ घूमें, दोस्त अपनी-अपनी ज़िंदगी और करियर में व्यस्त हैं। क्या आपके भी मन में कभी यह खयाल आया कि थोड़े सुकून के पल ढूंढने अकेले ही निकल जाऊं? यदि आया तो अपना यह सपना ज़रूर पूरा कीजिए क्योंकि अकेले ट्रेवल करना आपकी लाइफ का सबसे बेस्ट एक्सपीरियंस साबित होगा। कभी-कभी अकेले रहना आपको बहुत कुछ सिखा जाता है|

जिंदगी की भागदौड़ में हम पूरी दुनिया की खबर रखते हैं, परंतु खुद से दूर होते चले जाते हैं। जीवन में खुश रहने के लिए खुद को जानना और समझना बेहद ज़रूरी है| अपने आप को अच्छे से जानना-समझना है तो कुछ दिनों के लिए ही सही, पर दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार से दूर अकेले कहीं घूमने निकल जाइए क्योंकि जब आप अकेले होते हैं तो आपके सबसे अच्छे दोस्त आप खुद होते हैं।

अलग-अलग कल्चर जानने का मौका

वैसे तो हम स्कूल में अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के बारे में पढ़ते हैं, उनको समझने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन वह जानकारी किताबी होती है इसलिए किसी कल्चर को जानने और समझने के लिए वास्तविकता में उसके करीब जा कर ही उसको समझा जा सकता है। चाहे आप उसके म्यूज़ियम में जाएं या वहां के लोगों से मिलें, उनसे बाते करें, वहां का खाना, कॉफ़ी हाउस, रेस्टोरेंट सब कुछ बिलकुल अलग होगा आपके लिए।

अकेले ट्रेवल से बढ़ेगा आत्मविश्वास

अकेले ट्रेवल करना खुद पर भरोसा दिलाता है।  आप जब घर से अकेले एक नए सफ़र पर निकलते हैं| नई राहें आपको यह यकीन दिलाती हैं कि आप खुद के दम पर जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। सोलो ट्रिप में खुद का ध्यान रखना आपका आत्मविश्वास बढ़ाएगा, जो आपको जीवनभर काम आएगा।

किसी पल को जीना कैसे है?

आज की दौड़ती-भागती ज़िन्दगी में हम बस भाग रहे हैं कि भविष्य में क्या होगा, कैसे होगा, कब होगा जैसे सवालों के जवाब जानने के लिए अपनी ज़िन्दगी के अनमोल पलों को जीना ही भूल गए हैं, लेकिन एक बार इन चीज़ों से बाहर निकलकर देखो कुछ दिनों के लिए इन सब बातों के बारे में सोचना बंद करो और उस पल को फ़ुलऑन जियो, फिर देखो आपकी यात्रा कितनी सुहानी बन जाएगी।

सोशल मीडिया से दूरी

आजकल हर कोई सोशल मीडिया वर्ल्ड में ही जी रहा है। हम अपनी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत टाइम सोशल मीडिया पर दूसरों से अपनी ज़िन्दगी की तुलना, उनकी तरह फ़ोटोज़ डालने और उन पर आने वाले लाइक्स से करने में बिता रहे हैं। यह हमारे सीखने की क्षमता को ख़त्म कर रहा है, इसलिए जब भी घूमने जाएं, तो कृपया अपने नेट को उतने दिनों के लिए ऑफ़ कर दें।

परिस्थतियों से निपटने का हुनर

जब आप अकेले बाहर घूमने जाएंगे, जाहिर है कई तरह की समस्याएं सामने आएंगी। कभी ट्रेन लेट हो जाना या फिर होटल ढूंढने में परेशानी, ऐसे में आप जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हुनर सीखकर आएंगे।  आप हर परिस्थिति से खुद निपटने का हुनर सीखेंगे। हर परिस्थिति खुद हैंडल करने से हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ता है।

घर और रिश्तों की समझ 

जब हम घर में होते हैं तो घर के बाहर सब कुछ अच्छा लगता है।  मगर कुछ दिन घर से अकेले निकल कर देखो सब कुछ खुद से करके देखो घर की अहमियत समझ आ जाएगी। वहीं कुछ दिन अपनों से दूर होकर हम अपनों की कद्र करना सीखते हैं।

वो आज़ादी…

अक्सर हम युवाओं की यह शिकायत रहती है कि घरवाले रोकते-टोकते हैं, लेकिन हम जब अकेले घूमने निकलते हैं तो हम उस आज़ादी को महसूस कर पाते हैं।  आप जहां चाहे, वहां घूम सकते हैं।

लोगों से घुलना-मिलना सीखते हैं

कोई हमेशा चुप नहीं रह सकता, किसी से तो बात करने की ज़रूरत आपको महसूस होगी ही। जाहिर है कि आप अजनबियों से बातें करेंगे। नए लोगों से जुड़ेंगे तो आपकी कम्युनिकेशन स्किल भी निखरेगी।

आपकी समस्या छोटी है

जब बाहर निकलेंगे तो अकेले लोगों से मिलेंगे| वे किन-किन परेशानियों से जूझ रहे हैं, जब इन बातों के बारे में जानेंगे, तब आपको समझ आएगा कि आपकी छोटी-मोटी समस्याएं असल में कोई समस्या नहीं हैं, बल्कि वे बहुत छोटी हैं। आप अपने जीवन की बड़ी से बड़ी शिकायत को भी छोटा समझने लगेंगे।

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