दिल्ली

जेएनयू की छात्रा के साथ दुष्कर्म की कोशिश, साथियों की जमकर पिटाई

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू ) की छात्रा के साथ फरीदाबाद स्थित भारद्वाज झील के पास दुष्कर्म करने की कोशिश की गई। छात्रा और उसके साथियों को एक घंटे तक पीटा गया। छात्रा अपने 7 दोस्तों के साथ वहां गई थी। जब वह लौट रही थी तो वहां मौजूद चार ग्रामीणों ने उस पर हमला कर दिया। आरोपी ग्रामीण यहीं नहीं रुके उन्होंने बाइक पर बैठी छात्रो को थप्पड़ मारे और बेहद गंदी गंदी गालियां दी। घटना 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस की है। इस बावत छात्रा ने वसंतकुंज नॉर्थ थाने में आकर जानकारी दी है। जिसके बाद पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर मामला हरियाणा के सूरजकुंड थाने को भेज दिया है। पीड़िता छात्रा ने पुलिस में इस बावत एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उसने बताया कि वह मंगलवार को शाम 6:30 बजे वहां पहुंचे थे।

इस दौरान जब वह अपने साथियों के साथ लौट रही थी तब उन्होंने कैब ड्राइवर को फोन किया तो उसने बताया कि उसे पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगेगा। ज्यादा थकी होने के कारण वह अपने दो दोस्तों के साथ बाइक पर जाने लगी। इस दौरान जब वह रात नौ बजे के करीब वापस आ रहे थे, तभी एक लाठी लिए बुजुर्ग ने उन्हें रोकने की कोशिश की। पहले उन्हें लगा कि बुजुर्ग नशे में हैं, इसलिए वह आगे बढ़ने लगे। इस दौरान बुजुर्ग ने शोर मचाकर चार लोगों को बुला लिया। इस दौरान एक लड़के ने रोककर लड़की के मुंह पर थप्पड़ जड़ दिया और पूछा कि तुम सब लोग यहां क्या कर रहे हो? इसके बाद उन लोगों ने बेहद भद्दी गालियां भी दी। साथ ही छात्रा के चरित्र पर भी आरोपी टिप्पणी कर रहे थे।

इस दौरान जब छात्रा ने कहा कि बाइक पर बैठा उसका शख्स भाई है, इस पर आरोपी भड़क गए। वह सभी को घसीटते हुए पेड़ के नीचे ले गए । इस दौरान छात्रों के साथ उन्होंने दुष्कर्म करने की कोशिश की। पुलिस में दर्ज प्राथमिकी में छात्रा ने बताया कि जो कुछ उसके साथ हो रहा था, उसे वह डर गई थी। वहां मौजूद लोग उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश का साथ दे रहे थे। आरोपी इस दौरान तीनों को पेड़ पर बांधने की बात भी कह रहे थे। इस दौरान तीनों की मिलकर आरोपियों ने एक घंटे तक पिटाई की। छात्रा ने प्राथमिकी में बताया कि आरोपी उसके साथियों को गाय चोर कह रहे थे, साथ ही धर्म विशेष पर टिप्पणी भी कर रहे थे। इसके बाद जब युवती ने काफी देर बाद पुलिस की टीम देखी तो उन्होंने इस बात की सूचना दी।

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