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झटका : यूपी में बिजली हुई महंगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को अब ज्यादा बिल देना होगा. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने आज नयी दरों का ऐलान किया. फैसला नगर निकाय चुनावों के एक दिन बाद आया है और विपक्ष इस बढ़ोतरी को तानाशाहीपूर्ण कदम बता रहा है. घरेलू उपभोक्ताओं के लिए औसत बढ़ोतरी 12 फीसदी होगी और नयी दरें जल्द लागू होंगी. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि शहरी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें नौ फीसदी तक बढ़ायी गयी हैं. जिन ग्रामीण उपभोक्ताओं ने मीटर लगा रखा है, उन्हें 100 यूनिट तक तीन रुपये प्रति यूनिट और उसके बाद साढ़े चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होगा.

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग की ओर से प्रस्ताव था कि घाटे को कैसे पूरा किया जाये. बहुत मामूली वृद्धि हुई है. चुनाव से पहले जारी भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया था कि पहली 100 यूनिट तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से दी जायेगी. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि धीरे-धीरे घाटे की भरपायी हो और हम चोरी पर भी सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं. अधिकारियों की जवाबदेही तय की गयी है. शर्मा ने कहा कि विरोधियों का दुष्प्रचार गलत है और तथ्यों से परे है जिन्होंने मीटर नहीं लगा रखे हैं, हम चाहते हैं कि वे मीटर लगाएं.

प्रमुख सचिव, ऊर्जा एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन आलोक कुमार ने कहा, नयी बिजली दरों में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को पहली सौ यूनिट तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा. इसी प्रकार ऐसे गरीब शहरी परिवार जो सौ यूनिट तक बिजली उपभोग करते हैं उनकी भी बिजली दर तीन रुपये प्रति यूनिट होगी. उन्होंने बताया कि जो ग्रामीण उपभोक्ता हर महीने सौ यूनिट तक उपभोग करते हैं, उन्हें लागू दरों के तहत तीन रुपये 68 पैसे प्रति यूनिट देना होगा. इसमें बिजली शुल्क शामिल है यानी ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट लगभग तीन रुपये आठ पैसे की सब्सिडी उपलब्ध होगी.

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