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टैक्स के 5000 करोड़ रुपये वसूलने के लिए इन लोगों के पीछे पड़ा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट

नकम टैक्स डिपार्टमेंट पिछले वित्त वर्ष के इनकम टैक्स रिटर्न्स की प्रोसेसिंग नहीं कर पाया। इस वजह से करदाताओं पर 5000 करोड़ रुपये बकाया रह गया है। डिपार्टमेंट इस रकम की वसूली के लिए अब असेसीज से संपर्क साध रहा है।

  • कुछ टैक्सपेयर्स ने सेल्फ असेसमेंट टैक्स चुकाए बिना क्रेडिट हासिल कर ली
  • ऐसे टैक्सपेयर्स पर डिपार्टमेंट का 5000 करोड़ रुपये का बकाया है
  • ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि डिपार्टमेंट पिछले वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न्स प्रोसेस नहीं कर पाया
  • डिपार्टमेंट के अधिकारियों को पता नहीं चल पा रहा है कि सुविधाओं का ऐसा दुरुपयोग हुआ कैसे

नई दिल्ली : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों के पीछे पड़ी है जिन्होंने बकाया चुकाए बिना ‘सेल्फ असेसमेंट टैक्स’ पेमेंट के क्रेडिट हासिल कर लिए हैं। इन करदाताओं पर डिपार्टमेंट का 5 हजार करोड़ रुपये बकाया हो गया है। दरअसल, ऐसी स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पिछले वित्त वर्ष के इनकम टैक्स रिटर्न्स की प्रोसेसिंग नहीं कर पाया। इसलिए वह इस बकाया रकम की वसूली के लिए अब असेसीज से संपर्क साध रहा है। विभाग के कुछ अधिकारियों ने यह बात बताई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘हम उन्हें रिमांडर्स भेज रहे हैं और बकाया चुकाने का आग्रह कर रहे हैं ताकि टैक्स रिटर्न्स की प्रोसेसिंग हो सके।’ आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि इनमें कुछ टैक्सपेयर्स सेल्फ असेसमेंट टैक्स चुकाने को राजी हैं। हालांकि, टैक्स एक्सपर्ट्स को यह पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर टैक्स पेमेंट कैसे नहीं हुआ, खासकर तब जब सुविधाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए चेक्स ऐंड बैलेंसेज का बढ़िया सिस्टम काम कर रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि टैक्स रिटर्न्स फाइल करते वक्त बैंक चालान के साथ अक्सर बीएसआर नंबर अटैच किए जाते हैं। इनकम टैक्स डिपार्मेंट के टैक्स प्लैटफॉर्म पर पेमेंट का ब्योरा भी दिखता है। भले हो इस तरह की गड़बड़ियां अतीत में हुई हों, लेकिन डिपार्टमेंट अब इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग के लिए उपलब्ध टेक्नॉलजी प्लैटफॉर्म के कारण पहले से बेहतर स्थिति में है। दरअसल, अथॉरिटीज चालू वित्त वर्ष के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी संभावित स्रोतों को खांगल रही हैं। सरकार को भी लगता है कि इन गतिविधियों से वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन में कमी के कारणों का भी पता चल जाएगा। सूत्रों का कहना है कि बजट में जितने कर संग्रह का अनुमान जताया गया था, उतना टैक्स कलेक्शन संभव नहीं हो पाएगा। हालांकि, सरकार जब 1 फरवरी को संसद के पटल पर संशोधित अनुमान रखेगी तो वह वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3% तक रखने का लक्ष्य जरूर पूरा कर सकेगी।

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