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ट्रंप का जी-7 समिट को बीच में छोड़कर चले जाना है किसी गंभीर बात का इशारा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जी-7 समिट को बीच में छोड़कर सिंगापुर चले जाने से विवाद खड़ा हो गया। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने सोमवार को कहा कि ट्रंप का संयुक्त बयान में शामिल न होना निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का ये रवैया किसी गंभीर बात की ओर इशारा करता है। लेकिन अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। ट्रंप ने सिंगापुर के रास्ते पर विमान से ट्वीट कर साझा बयान में शामिल नहीं होने का ऐलान किया और अपनी नाराजगी जताई। यही नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मेजबान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदो टैरिफ के मुद्दों पर एक दूसरे के सामने आ गए। ट्रंप ने तो त्रुदो को कमजोर और बेईमान तक करार दिया।

ट्रंप का जी-7 समिट को बीच में छोड़कर चले जाना है किसी गंभीर बात का इशारादुनिया के सात शक्तिशाली देशों का जी-7 सम्मेलन बड़े विवाद और वैश्विक व्यापार जंग के फिर से शुरू होने के खतरे के बीच खत्म हो गया। जी-7 में दरार के संकेत साझा बयान को राष्ट्राध्यक्षों द्वारा मंजूर किए जाने के कुछ देर बाद ही ट्रंप ने ट्वीट कर इससे खुद को अलग कर लिया और इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से मुलाकात के लिए सिंगापुर रवाना हुए ट्रंप ने ट्वीट किया कि अमेरिका ने बयान पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्णय लिया है क्योंकि कनाडा और अन्य पश्चिमी-यूरोपीय देश अमेरिकी किसानों, वर्कर्स और कंपनियों पर भारी शुल्क लगा रहे हैं, जबकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके लिए हमें दोषी बताया गया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि उनका प्रशासन अमेरिकी बाजारों में भरे पड़े ऑटो मोबाइल्स पर भी टैरिफ लगाने की सोच रहा है। 

जी-7 में ये देश हैं शामिल

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा। पहले यह जी-8 के नाम से जाना जाता था लेकिन रूस को निलंबित करने के बाद अब 7 देश ही इसके सदस्य हैं।

क्या कहा था त्रुदो ने

दरअसल त्रुदो ने शनिवार को कहा था कि ट्रंप प्रशासन द्वारा कनाडा, यूरोपियन संघ और मैक्सिको से आयात होने वाले स्टील और एल्यूमिनियम पर लगाए गए शुल्क के बदले में अमेरिकी उत्पादों पर 1 जुलाई से शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने ट्रंप प्रशासन के फैसले को अमेरिकी सहयोगियों के साथ युद्ध में हिस्सा ले चुके कनाडा के सैन्य कर्मियों का अपमान बताया था और उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते और द्विपक्षीय व्यापार संधि के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इससे बिफरे ट्रंप ने त्रुदो के खिलाफ कई ट्वीट किए। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट में लिखा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदो ने जी-7 सम्मेलन के दौरान बहुत ही हल्का व्यवहार किया और कहा कि अमेरिका ने जो टैरिफ लगाए हैं वे अपमानजनक हैं। त्रुदो को बेईमान और कमजोर लिखते हुए उन्होंने कहा कि हमारे टैरिफ डेयरी पर उनके 270 फीसदी के बदले हैं। उन्होंने त्रुदो पर गलत बयान देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया हकीकत यह है कि कनाडा अमेरिका किसानों, मजदूरों और कंपनियों पर भारी टैरिफ लगा रहा है। वहीं दूसरी ओर ट्रंप के ट्वीट के जवाब में त्रुदो के कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री सार्वजनिक और निजी, दोनों स्तरों की बातचीत के दौरान ट्रंप के साथ एक जैसी ही बात पर कायम रहे हैं।

पुतिन ने रूस की आलोचना को रचनात्मक गपशप दिया करार

दूसरी ओर सीरिया को लेकर जी-7 देशों की आलोचना पर रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मेरा मानना है कि रचनात्मक गपशप बंद करने और असल सहयोग से जुड़े ठोस मुद्दों की ओर बढ़ने की जरूरत है। साथ ही ब्रिटिश एजेंट और उसकी बेटी को जहर देने में रूस का हाथ होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि जी-7 देश यह सबूत देने में नाकाम रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है।

गौरतलब है कि जी-7 ने रूस से सीरिया में लोकतंत्र की बहाली में मदद करने और वहां जारी युद्ध का समर्थन बंद करने को कहा था। साथ ही ब्रिटिश एजेंट की मौत को लेकर भी रूस का हाथ होने की पुष्टि की थी। इसके अलावा रूस को फिर से जी-7 में शामिल करने पर भी आम राय नहीं बन सकी।

क्रोध से अंतरराष्ट्रीय सहयोग को निर्देशित नहीं किया जा सकता : फ्रांस 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 के साझा बयान को खारिज किए जाने पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आगाह करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को क्रोध और टिप्पणियों से नहीं चलाया जा सकता है। साझा बयान पर प्रतिबद्धता के बाद पुनर्विचार की बात बेतरतीबी और असंगति दिखाता है। 

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