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डोनाल्ड ट्रम्प का दावा झूठा, व्हाइट हाउस को देनी पड़ी सफाई

द्विपक्षीय सम्बन्धों में सुधार को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के दौरान इमरान खान के साथ पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आइएसआइ प्रमुख ले. जनरल फैज हमीद और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद रहे।

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसी कोई गुजारिश नहीं की है। यही नहीं व्हाइट हाउस के आधिकारिक बयान में कश्मीर का कोई जिक्र तक नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति में कश्मीर मसले पर मध्यस्थता का ऑफर दिया था। इमरान खान से मुलाकात के दौरान ट्रम्प ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर मसले को लेकर मदद मांगी थी। हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साफ कर दिया कि मामले पर भारत किसी भी तीसरे पक्ष को बर्दास्त नहीं कर सकता। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी अपने बयान में कहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है। हम उन प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेंगे जो दोनों देशों के बीच तनाव को कम करते हैं और बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में साफ किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सफल वार्ता तभी संभव है, जब पाकिस्तान अपने आतंकवादियों के खिलाफ निरंतर और सख्त कदम उठाए। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच में असली जड़ पाकिस्तान की ज़मीन पर पनप रहा आतंकवाद है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साफ कर दिया की पीएम मोदी ने कश्मीर मसले पर कभी भी मध्यस्थता की बात नहीं कही। उन्होंने कहा कि हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिए उस बयान का देखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है। दूसरे ट्वीट में रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक लगाना जरूरी होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों के द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा। वहीं, अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने ट्रंप के दावे को झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी कभी भी कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का सुझाव नहीं देंगे। ट्रम्प का बयान शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि भारत लगातार कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है।

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