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ढाबे पर दूसरों के झूठे बर्तन धोती थी ये भारतीय महिला खिलाड़ी

संघर्ष करके अगर कोई खिलाड़ी किसी मुकाम पर पहुंचता है तो निश्चित रूप से यह कहानी पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन जाती है. आपको बता दें कि कई बार हमारे सामने इस तरीके की परिस्थितियां होती हैं कि हमें उनके आगे या तो समर्पण करना पड़ता है या फिर उनसे संघर्ष करना पड़ता है.ढाबे पर दूसरों के झूठे बर्तन धोती थी ये भारतीय महिला खिलाड़ी

जो लोग संघर्ष करते हैं वह लोग दूसरों से अलग इतिहास रचते हुए नजर आ सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही भारतीय खिलाड़ी की कहानी बताने वाले हैं जो एक समय अपनी गरीबी से तंग आकर ढाबे पर दूसरे लोगों के झूठे बर्तन साफ करने पर मजबूर हो गया था.

लेकिन इस खिलाड़ी ने कभी हार नहीं मानी क्योंकि इसके सपने काफी ऊंचे हुआ करते थे. इस भारतीय खिलाड़ी का सपना विराट कोहली से मिलकर इंडियन टीम के लिए खेलने का है. तो आइए आपको बताते हैं कि वह खिलाड़ी कौन है जो कभी ढाबे के ऊपर दूसरे लोगों के झूठे बर्तन साफ किया करता था-

भूखे पेट सोई, झूठे बर्तन साफ़ किये अब टीम इण्डिया के लिए खेल रही हैं

भारतीय कबड्डी महिला टीम की खिलाड़ी कविता ठाकुर ने काफी संघर्ष करके इंडियन टीम में जगह बनाई है. इस महिला खिलाड़ी की कहानी निश्चित रूप से हम सभी के लिए एक सकारात्मक कहानी बन सकती है.

कविता एशियन गेम 2018 में हिस्सा लेने भारतीय महिला कबड्डी टीम के साथ गई हुई है. हिमाचल के मनाली में इनका जन्म हुआ और वहीं पर जैसे तैसे गरीबी में उनका गुजारा हो रहा था.

ढाबे पर दूसरों के झूठे बर्तन धोती थी ये भारतीय महिला खिलाड़ी

परिवार की स्थिति सही नहीं थी और दो वक्त की रोटी का भी जुगाड़ नहीं हो पा रहा था. यही कारण है कि कविता ठाकुर सड़क के किनारे एक बने हुए ढाबे पर काम किया करती थी और वहां पर झूठे बर्तन साफ करके जैसे तैसे अपना गुजारा कर रही थी.

कविता ठाकुर इस साल एशियन गेम्स में टीम इंडिया को जीताने का सपना देख रही हैं. 2007 में कविता ने कबड्डी खेलना शुरू किया था और 2014 में एशियाड के अंदर सभी की इनके ऊपर नजर गई थी.

कविता गोल्ड जीतने वाली उस समय पहली भारतीय महिला कबड्डी प्लेयर बनी थीं. आज भी कविता अपने परिवार के साथ एक किराए के मकान में रहती हैं लेकिन इनका सपना है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली से मिलकर अपने खेल के ऊपर टिप्स लेना चाहती हैं.

शायद इन खिलाड़ियों की मदद के लिए भारतीय खेल मंत्रालय को आगे आना चाहिए और इनको सुख सुविधा मिलनी चाहिए जैसे कि देश में नेताओं को मिलती हैं. आपको कविता की कहानी अच्छी लगे तो इसको शेयर जरूर करें.

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