अन्तर्राष्ट्रीयफीचर्ड

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप्प अर्दोआन ने कहा-अमेरिका को शर्म आनी चाहिए


अंकारा : राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने आरोप लगाया है कि अमरीका एक पादरी की वजह से तुर्की को घुटनों पर लाने की कोशिश कर रहा है। अमरीका एंड्र्यू ब्रुसन नाम के पादरी की रिहाई की मांग कर रहा है। वो दो साल से तुर्की की हिरासत में हैं। तुर्की ने साल 2016 के नाकाम तख़्तापलट के साज़िशकर्ताओं से संपर्क होने के आरोप में उन्हें हिरासत में लिया था।अमेरिका ने शुक्रवार को स्टील और एल्युमिनियम पर आयात कर बढ़ाकर दोगुना कर दिया। दोनों देशों की इस कूटनीतिक लड़ाई के बीच तुर्की की मुद्रा लीरा में अमरीकी डॉलर के मुकाबले 16 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई। डोनल्ड ट्रंप ने पिछले महीने भी ट्वीट करके ब्रुसन की रिहाई की मांग की थी, उन्होंने कहा था कि ब्रुसन जैसे महान क्रिश्चियन, फ़ैमिली मैन और बेहतरीन इंसान को इतने लंबे वक़्त से गिरफ़्तार करके रखने की वजह से अमेरिका तुर्की पर कड़ी पाबंदियां लगाएगा। ब्रुसन जैसे बेकसूर शख़्स को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। हालांकि ब्रुसन अमेरिका और तुर्की के बीच बढ़ते तनाव की इकलौती वजह नहीं हैं। इसके पीछे सीरिया के लिए तुर्की की नीतियां और रूस से बढ़ती नज़दीकियां भी शामिल हैं।
राष्ट्रपति अर्दोआन ने शनिवार को एक रैली में कहा कि एक पादरी की वजह से तुर्की को धमकी देकर झुकाने की कोशिश करना ग़लत है। शर्म करो, शर्म करो, आप अपने नेटो सहयोगी को एक पादरी के लिए धमका रहे हैं। उन्होंने कहा, आप इस देश को धमकियों की भाषा से कभी नहीं झुका सकते। हमने न कभी इंसाफ़ से समझौता किया है और न कभी करेंगे। इससे एक दिन पहले एर्दोआन ने देशवासियों से अपने घरों में रखी विदेशी मुद्रा और सोने को लीरा से बदलने की भावुक अपील की थी। उन्होंने कहा था कि अगर आपने अपने तकिये के नीचे डॉलर, यूरो या सोना रखा है तो बैंक जाइए और उसे लीरा से बदलिए, ये देश की लड़ाई है और इसमें हमें एकजुट होना चाहिए। एर्दोआन ने एक लेख में कहा है कि अगर अमेरिका अपने रुख़ में तब्दीली नहीं लाता है तो तुर्की अपने लिए नए दोस्त और सहयोगी तलाशेगा। वहीँ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपने एक ट्वीट में कहा कि तुर्की की मुद्रा लीरा अमरीकी डॉलर के मुकाबले बेहद कमज़ोर है और मौजूदा वक़्त में दोनों देशों के बीच सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं।

Related Articles

Back to top button