अद्धयात्म

तो इस कारण भगवान की भक्ति करने मे आपको फल की प्राप्ति नहीं होती

जब कोई इंसान अपने जीवन में आने वाली मुसीबतों से परेशान हो जाता है तो उसे सिर्फ भगवान ही याद आते हैं और वह बिना कुछ सोचे समझे भगवान की आराधना में लग जाता है लेकिन वह भगवान की आराधना करने में इतनी गलतियां कर बैठता है कि उसकी आराधना से उसे कोई फल नहीं मिलता इसलिए जरूरी है कि हम जब भी भगवान की आराधना करें तो कुछ जरूरी बातों का हमेशा ध्यान रखें ताकि हमें हमारी आराधना का जल्दी फल मिले। आज हम आपसे कुछ ऐसी ही बातों के विषय में चर्चा करने वाले हैं, जिनकी सहायता से भगवान की आराधना में आपको तुरन्त फल की प्राप्ति होगी। तो चलिए देखते है कौन सी वह बातें है जो आपको तुरन्त फल की प्राप्ति दिलाएंगी ?तो इस कारण भगवान की भक्ति करने मे आपको फल की प्राप्ति नहीं होती

पूजा चाहे कोई भी हो, सभी में चावल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन ध्यान रहे कि पूजा में जिन भी चावलों का प्रयोग हो, वह अखंडित हों अर्थात टूटे हुए न हों। चावल चढ़ाने से पहले अगर आप उन्हें हल्दी के घोल से पीला कर लेते हैं तो यह और भी शुभ है। कभी-भी धार्मिक कार्य के लिए किसी खंडित वस्तु, जैसे टूटे दीपक आदि का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

सदैव दाए हाथ की अनामिका उंगली एवं अंगूठे की सहायता से फूल अर्पित करने चाहिए। चढ़े हुए फूल को अंगूठे और तर्जनी की सहायता से उतारना चाहिए। फूल की कलियों को चढ़ाना मना है, किंतु यह नियम कमल के फूल पर लागू नहीं है।

शिव जी को विल्व पत्र,विष्णु को तुलसी,गणेश जी को हरी दूर्वा,दुर्गा को अनेक प्रकार के पुष्प और सूर्य को लाल कनेर के पुष्प प्रिय हैं। शिवजी को सदाबहार पुष्प,भगवान विष्णु को धतुरा और देवी को आक के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते। 

एक घर में कम से कम पांच देवी-देवताओं की पूजा होनी ही चाहिए-गणेश,शिव,विष्णु,सूर्य,दुर्गा। किसी भी देव या देवी के पूजन के प्रति संकल्प,एकाग्रता,श्रद्धा होना बहुत ही आवश्यक है।

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