जीवनशैली

…तो इस वजह से कुछ लोगों को पीने के बाद भी नहीं होता हैंगओवर

नई दिल्ली : पार्टी में जमकर ऐल्कॉहॉल का सेवन करने के बाद अगली सुबह ज्यादातर लोगों के लिए काफी अजीब होता है। ऐसा लगता है कोई आपकी खोपड़ी में छेद कर रहा हो। कहने का मतलब ये है कि पार्टी के अगले दिन हैंगओवर के कारण आप काफी असहज महसूस करते हैं। लेकिन हमारे बीच कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें पार्टी के बाद हैंगओवर की समस्या नहीं होती। वे पार्टी की अगली सुबह भी हर दिन की तरह ही नॉर्मल रहते हैं। आपको सोच रहे होंगे ऐसा कैसे हो सकता। लेकिन ये सच है कि कुछ लोगों को कभी हैंगओवर नहीं होता। फिर चाहे वे कितनी भी ऐल्कॉहॉल लें।
हैंगओवर क्यों होता है : जो ऐल्कॉहॉल आप लेते हैं वो आपके लिवर एंजाइम से मिलने के बाद एसीटैल्डिहाइड में बदल जाता है , ये बेहद जहरीला होता है जिसे आपके शरीर से जल्द से जल्द निकलना जरूरी होता है। लिवर एंजाइम से ऐल्कॉहॉल मिलने के बाद जो रासायनिक परिवर्तन होता है वह कुछ लोगों पर ज्यादा असर डालता है और कुछ पर कम। जिन लोगों को हैंगओवर होता है उनपर ये एंजाइम ज्यादा असरदार नहीं होता है। एसीटैल्डिहाइड आपकी बॉडी में लंबे समय तक रह जाता है, तो इससे आपका मुंह सूखा हुआ महसूस हो सकता है, सिर दर्द की समस्या, डिजिनेस, मिचली जैसी समस्याएं होती हैं जिसे हम हैंगओवर कहते हैं।

हैंगओवर न होने की वजह : हैंगओवर न होने के पीछे जीन्स भी एक अहम वजह हो सकती है। ऐल्कॉहॉल से बनने वाले बाय-प्रॉडक्ट्स ऐसे लोगों की बॉडी से जल्दी निकल जाते हैं। इसके पीछे मेटाबॉलिक या जेनिटिक वजहें हो सकती हैं जिससे इन्हें हैंगओवर की समस्या नहीं होती। 2014 में 4000 लोगों पर हुई एक रिसर्च में पाया गया कि हैंगओवर फ्रिक्वेंसी में महिलाओं में 45 प्रतिशत जेनेटिक कारक होते हैं जबकि पुरुषों में 40 प्रतिशत। हर किसी कि हैंगओवर फ्रिक्वेंसी अलग-अलग होती है और सब पर इसका प्रभाव अलग-अलग होता है।
अन्य कारण : ऐल्कॉहॉल पीने से आपको जल्दी-जल्दी बाथरूम जाना पड़ता है। जिससे आपकी बॉडी डिहाईड्रेटेड हो जाती है और हैंगओवर के मामले में इसका भी एक अहम रोल है। जब लोग ऐल्कॉहॉल लेते हैं वे अपनी बॉडी को रिहाईड्रेट करना भूल जाते हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐल्कॉहॉल पीने के बाद ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहें। ऐल्कॉहॉल की हर एक गिलास के बाद एक गिलास पानी जरूर पिएं।
मात्रा भी है अहम : कुछ लोग ऐल्कॉहॉल पीते समय काफी सावधानी बरतते हैं मतलब ऐल्कॉहॉल एक सीमित मात्रा में लेते हैं। एक स्टडी के अनुसार पाया गया है कि ज्यादा मात्रा में ऐल्कॉहॉल लेने वाले की तुलना में कम ऐल्कॉहॉल लेने वालों को हैंगओवर की समस्या नहीं होती है।

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