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………तो यहां इसलिए रावण को भी पूजते है लोग

भारत विविधताओं का देश है क्योकि हम बात करते है एकता में अनेकता की, क्योकि हम बात करते है वसुधैव कुटुंबकम की। इसमें सबको आपने विचार रखने, अपनी बात कहने, आपने धर्म चुनने आदि की पूरी छूट है। कोई भी किसी पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकता। इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगा सकतें है की भारत में लोग रावण को भी पूजते है। तो आईये जानते है की क्यों और कौन सी जगह है जहाँ लोग आज भी रावण को पूजते है।

यहाँ पूजा जाता है रावण
मंदसौर, मध्यप्रदेश- कहा जाता है कि मंदसौर का असली नाम दशपुर था और यह रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था। ऐसे में मंदसौर रावण का ससुराल हुआ। इसलिए यहां दामाद के सम्मान की परंपरा के कारण रावण के पुतले का दहन करने की बजाय उसकी पूजा की जाती है।
कनार्टक- कनार्टक के कोलार जिले में भी रावण की पूजा की जाती है। यहां की धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, रावण भगवान शिव का भक्त था, जिस कारण यहां के लोग रावण की पूजा करते हैं। इसके अलावा कर्नाटक के मंडया जिले के मालवली नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां लोग उसे महान शिव भक्त के रूप में पूजते हैं।
जोधपुर, राजस्थान- राजस्थान के जोधपुर में रावण का मंदिर है। यहां के कुछ समाज विशेष के लोग रावण का पूजन करते हैं और खुद को रावण का वंशज मानते हैं। यही कारण है कि यहां के लोग दशहरा के अवसर पर रावण का दहन करने के बजाए रावण की पूजा करते हैं।
काकिनाड, आंध्रप्रदेश- आंध्रप्रदेश के काकिनाड में रावण का मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है।
बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश- कांगड़ा जिले के इस कस्बे में भी रावण की पूजा की जाती है। मान्यता है कि रावण ने यहां पर भगवान शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मोक्ष का वरदान दिया था। यहां के लोगों की ये भी मान्यता है कि अगर उन्होंने रावण का दहन किया तो उनकी मौत हो सकती है। इस भय के कारण भी लोग रावण के दहन नहीं करते हैं बल्कि पूजा करते हैं।
बिसरख, उत्तर प्रदेश- उत्तर प्रदेश के बिसरख गांव में भी रावण का मंदिर बना हुआ है और यहां पर रावण का पूजन होता है। ऐसा माना जाता है कि बिसरख गांव, रावण का ननिहल था।
अमरावती, महाराष्ट्र- अमरावती के गढ़चिरौली नामक स्थान पर आदिवासी समुदाय द्वारा रावण का पूजन होता है। कहा जाता है कि यह समुदाय रावण और उसके पुत्र को अपना देवता मानते हैं।
उज्जैन, मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के चिखली गांव में भी रावण का दहन नहीं किया जाता है। यहां के बारे में कहा जाता है कि रावण की पूजा नहीं करने पर गांव जलकर राख हो जाएगा। इसलिए इस गांव में दशहरे पर रावण का दहन करने के बजाए पूजा की जाती है। इस गांव में रावण की विशालकाय मूर्ति भी स्थापित है।

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