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त्वचा पर भी विपरीत असर डालता है प्रदूषण, दिल्ली में पंद्रह फीसदी मरीज बढ़े

लखनऊ :  अंतराष्ट्रीय त्वचा देखभाल विशेषज्ञ डॉक्टर मनोज दास ने कहा कि हमारी त्वचा, कोशिकाओं से मिल कर बनी है, जिनका मुख्य खाद्य है आक्सीजन। हम खाने और पानी के बिना तो कुछ समय रह सकते हैं, लेकिन ऑक्सिजन के बिना बिल्कुल नहीं। हमारी स्किन भी ऑक्सीजन की कमी से मरने लगती है। हवा में प्रदूषण बढ़ने की वजह से ऑक्सिजन की मात्रा कम हो जाती है। यही वजह है कि दिल्ली में त्वचा से संबंधित रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

प्रदूषण की स्थिति में हमारी त्वचा कोशिकाओं को ऑक्सिजन की आपूर्ति ठीक तरह से नहीं हो पाती। इससे त्वचा के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इन दिनों दिल्ली में स्मॉग की वजह से ऐसा ही हो रहा है। खराब हवा यानी स्मॉग की वजह से लोगों को स्किन से संबंधित कई सारी परेशानियां हो रही हैं। प्रदूषित हवा से स्किन में तेजी से उम्र का असर दिखाई देने लगता है। झुर्रियां पड़ने लगती हैं और इंसान अपनी उम्र से 10 साल बड़ा लगने लगता है। खराब हवा की वजह से ही ब्लैक हेड्स, वाइट हेड्स, ऐक्ने, पिगमेंटेशन, समय से पहले रिंकल्स आना जैसी समस्याएं बढ़ती हैं। त्वचा के साथ ही बालों पर भी स्मॉग का असर नजर आ रहा है। त्वचा विशेषज्ञ डॉ प्रभाकर नौटियाल ने कहा कि स्मॉग का त्वचा पर गंभीर असर पड़ता है। जब से दिल्ली में स्मॉग बढ़ा है, करीब लोगों में त्वचा से जुड़ी समस्याएं 15 प्रतिशत बढ़ गई हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी कामकाजी महिलाओं को हो रही है। 

 

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