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दुश्मन के छक्के छुड़ाने के साथ धोखा देने में भी माहिर है राफेल विमान

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर फ्रांस के साथ हुए सौदे पर मोदी सरकार को बहुत बड़ी राहत दी है। न्यायालय का कहना है कि प्रक्रिया में विशेष कमी नहीं रही है और केंद्र के 36 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है। विमान की क्षमता पर कोई कमी नहीं है। न्यायालय ने अदालत की निगरानी में राफेल सौदे को लेकर जांच करवाने की सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया है।

दुश्मन के छक्के छुड़ाने के साथ धोखा देने में भी माहिर है राफेल विमान

क्या है राफेल विमान?   
राफेल विमान फ्रांस की विमानन कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। सबसे पहले 1970 में फ्रांसीसी सेना द्वारा अपने पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों को बदलने की मांग उठी थी। इसके बाद फ्रांस ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर एक बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान की परियोजना पर काम शुरू किया, लेकिन बाद में उन देशों के साथ फ्रांस के मतभेद हो गए, जिसके बाद फ्रांस ने अकेले ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया।

राफेल विमान की खासियत 
राफेल एक बहुत ही उपयोगी लड़ाकू विमान है। इसके एक विमान को बनाने में 70 मिलियन की लागत आती है। इस विमान की लंबाई 15.27 मीटर होती है और इसमें एक या दो पायलट ही बैठ सकते हैं।  इस विमान की खासियत है कि यह ऊंचे इलाकों में भी लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम का भार उठाकर उड़ने में सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 किमी. प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है।

ऑप्ट्रॉनिक सिक्योर फ्रंटल इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम से लैस इस विमान में एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर और एमबीडीए अपाचे जैसी कई तरह की खतरनाक मिसाइलें और गन लगी होती हैं, जो पल भर में दुश्मनों को मिट्टी में मिला सकती है। इसमें लगी 1.30 एमएम की एक गन एक बार में 125 राउंड गोलियां चलाने में सक्षम है। इसमें लगी मेटेओर मिसाइल 100 किलोमीटर दूर उड़ रहे फाइटर जेट को भी पलभर में मार गिराने में सक्षम है। इस तरह का मिसाइल चीन-पाकिस्तान समेत पूरे एशिया में किसी के पास भी नहीं है।

भारत के लिए राफेल क्यों है जरूरी? 
पाकिस्तान और चीन से देश की सीमाओं की सुरक्षा हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। वायुसेना में वैसे ही लड़ाकू विमानों की कमी है, ऐसे में राफेल विमान भारत के लिए बहुत ही जरूरी है। इस विमान का उपयोग अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, लीबिया और माली में हुई जंगी कार्रवाई में हो चुका है और यह काफी सफल रहा है। अगर राफेल को वायुसेना के जंगी जहाजों के बेड़े में शामिल किया जाता है तो इससे सेना को एक नई ताकत मिलेगी।

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