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दो-दो लाख में बांट रहे थे नौकरी, सात गिरफ्तार


लखनऊ : केजीएमयू में दो-दो लाख रुपये में नौकरी ‘बांटने’ वाले गिरोह का यूपी एसटीएफ टीम ने खुलासा किया है। टीम ने चौक एरिया से सात आरोपियों को अरेस्ट करते हुए उनके कब्जे से 11 मोबाइल फोन, 20 हजार रुपये नकद, 12 एटीएम कार्ड व छह फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किये हैं। गिरफ्त में आया गिरोह का सरगना खुद भी केजीएमयू में संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करता है। एसटीएफ के मुताबिक, आरोपियों ने अब तक दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिसकी पड़ताल की जा रही है। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि बीते लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि केजीएमयू में संविदा पर फर्जी नियुक्ति के लिये बेरोजगारों से मोटी रकम वसूली जा रही है। सूचना पर एएसपी त्रिवेणी सिंह और उनकी टीम को जांच में जुटाया गया।

इसी दौरान पता चला कि इस गिरोह ने मोटी रकम ऐंठने के बाद बेरोजगारों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी बांट दिये। गिरोह का सरगना अरविंद अपने साथियों के साथ नये शिकारों को फर्जी नियुक्ति पत्र देने के संबंध में बातचीत करने के लिये केजीएमयू न्यू ओपीडी स्थित अंडरग्राउंड पार्किंग में आने वाला है। जानकारी मिलने पर टीम ने ट्रैप लगाकर वहां पहुंचे अरविंद व उसके साथियों कुशीनगर निवासी साजिद अंसारी, गोसाईगंज निवासी रजनीकांत रावत, अलीगंज निवासी राघवेंद्र सिंह, गाजीपुर निवासी मोहित शर्मा, गोमतीनगर निवासी बृजेश अवस्थी और इंदिरानगर निवासी अनुराग पांडेय को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि अरविंद के साथी यह अफवाह फैलाते थे कि केजीएमयू में संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर की वैकेंसी हैं, जिन लोगों को यह नौकरी चाहिये वे अरविंद कुमार सिंह से मुलाकात करे। अफवाह फैलते ही बेरोजगार अरविंद से संपर्क करने लगते, जिस पर वह उन्हें नौकरी दिलाने के लिये तैयार हो जाता और इसके एवज में दो लाख रुपये की मांग करता। रुपये वसूलने के बाद वे लोग भुक्तभोगी को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देते लेकिन, जब वह भुक्तभोगी नौकरी ज्वाइन करने जाता तो उसे ठगे जाने का पता चलता। उधर, अरविंद व उसके साथी ठगी गई रकम का आपस में बंटवारा कर लेते थे। एएसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि आरोपियों ने भोले-भाले लोगों को शिकार बनाने व उन पर रौब गांठने के लिये हजरतगंज स्थित तेज कुमार प्लाजा में ऑफिस भी खोल रखा था, जहां वे नौकरी के लिये डीलिंग करते थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों द्वारा ठगे गए पांच लोग अब तक एसटीएफ के संपर्क में आए हैं, इन भुक्तभोगियों का आरोपी आठ लाख रुपये डकार चुके हैं और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया था।

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