उत्तराखंडराज्य

धुमाकोट बस हादसे के बाद हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश, कहा एक माह में रोड सेफ्टी ऑडिट कराएं

हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को एक माह के अंदर प्रदेश की सभी सड़कों का रोड सेफ्टी ऑडिट कराने और इसके बाद ऑडिट के आधार पर सुधार कराने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने परिवहन सचिव को सभी वाहनों पर तीन माह में स्पीड गवर्नर लगाने तथा सरकारी बसों में छह माह के अंदर जीपीएस लगाने को कहा है। इसके अलावा, तीन माह में ही प्रदेश के चिह्नित खतरनाक स्थानों पर क्रश बैरियर, पैरापिट आदि लगाने, 73 प्रवर्तन दल गठित करने शराब, परमिट, ओवरलोड आदि की धाराओं के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट के ओवरलोडिंग के मामले में दिए गए निर्देश का पालन न होने पर शुक्रवार को परिवहन सचिव और अपर आयुक्त कोर्ट में पेश हुए। अरुण की याचिका पर कोर्ट ने सात सितंबर 2017 को ओवरलोडिंग न होने देने सहित अन्य कई निर्देश जारी किए थे। याचिकाकर्ता अरुण ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा था कि उसके बाद भी इन आदेशों का पालन नहीं हुआ। इस कारण एक जुलाई 2018 को धुमाकोट बस हादसा हुआ।

वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव और अपर आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में कुल 25 प्रवर्तन दल हैं और जरूरत सौ की है। पीठ ने सरकार को प्रवर्तन दल में एक अधिवक्ता को शामिल करने, परिवहन विभाग को सौ ब्रीथ एनालाइजर उपलब्ध कराने, ओवरलोडिंग, गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने आदि में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि परिवहन विभाग चारधाम यात्रा के दौरान अन्य मार्गों पर पर्याप्त बस उपलब्ध कराए। कहा कि किसी भी निजी वाहन से क्रश गार्ड, बुल बार आदि एक सप्ताह में हटवाए जाएं। कोर्ट ने निजी वाहनों पर हूटर, सायरन आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सरकारी, गैरसरकारी वाहनों पर प्रतीक चिह्न, पदनाम आदि को भी प्रतिबंधित कर दिया है। कोर्ट ने आईटीडीआर झाझरा से एक माह के प्रशिक्षण के बाद ही व्यावसायिक लाइसेंस देने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र केवल तकनीकी स्टाफ ही जारी करे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि दोपहिया वाहनों में पीछे बैठने वाले के लिए भी हेलमेट अनिवार्य है। यह नियम पांच साल के ऊपर की उम्र के बच्चे पर भी लागू होगा। कोर्ट ने जिलाधिकारियों को सीज किए गए वाहनों को रखने के लिए परिवहन विभाग को पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराने और तीन माह में ही यातायात जागरूकता केंद्र बनाने का आदेश दिया। केएमओयू, जीएमओयू और परिवहन विभाग की बसों की रोज धुलाई हो और बसों को अंदर से भी साफ सुथरा रखने के आदेश भी कोर्ट ने दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि परिवहन विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उन पर एस्मा लगाएं।

स्कूल बसों के निरीक्षण को अधिकारी तैनात हों
हाईकोर्ट ने कहा कि सुबह सात बजे से लेकर दस बजे और दोपहर बाद 3 से 6 बजे के बीच में स्कूल बस, वैन आदि में ओवरलोडिंग रोकने को कम से कम से एक अधिकारी तैनात किया जाए। स्कूल बसों को राइट ऑफ द वे हो और हर बस में एक सहायक जरूर हो।

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