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नकली पेट्रोल-डीजल बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश, 2.10 लाख लीटर तेल बरामद, कई गिरफ्तार

मेरठ : पुलिस ने मंगलवार को नकली पेट्रोल व डीजल बनाने वाली फैक्ट्रियों का पर्दाफाश कर गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की साठगांठ से मेरठ महानगर में तेल माफिया खुलकर चांदी काट रहे हैं। थिनर, सॉल्वेंट और रंग मिलाकर 38 रुपये में नकली पेट्रोल-डीजल तैयार किया जा रहा है। जिसको तेल माफिया शहर के कई पेट्रोल पंपों और दुकानों पर सप्लाई करते थे। टैंकरों में यहां से यह नकली तेल जाता था। आरोपी राजीव जैन का खुद का भी पेट्रोल पंप बताया गया है। गिरफ्तारी के बाद तेल माफिया ने परतापुर और टीपीनगर पुलिस की भी पोल खोली है। तेल माफिया राजीव जैन व प्रदीप गुप्ता के पास केमिकल और थिनर का लाइसेंस है, जिसकी आड़ में नकली पेट्रोल और डीजल बनाते थे। करीब दस साल से दोनों तेल माफिया का धंधा चल रहा था। प्रदीप गुप्ता ने परतापुर के डुंगरावली गांव स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में गणपति पेट्रो के नाम से फैक्ट्री चला रखी थी।

राजीव जैन ने एनएच-58 स्थित वेदव्यासपुरी में पारस केमिकल के नाम से फैक्ट्री खोली थी। दोनों की परतापुर और टीपीनगर पुलिस से साठगांठ थी। दोनों का अवैध कारोबार इतना फैला हुआ था कि रोजाना पांच-छह टैंकर नकली पेट्रोल-डीजल तैयार होकर सप्लाई होता था। पुलिस के मुताबिक शहर में कई पेट्रोल पंप निर्धारित थे, जहां पर नकली पेट्रोल-डीजल से भरे टैंकर जाते थे। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने उक्त पेट्रोल पंपों के नाम बताए हैं। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जानकारी भारतीय पेट्रोलियम कारपोरेशन को भी दे दी है।

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