अद्धयात्म

नागनाथस्वामी मंदिर में दूध चढ़ाने पर रंग बदलकर हो जाता है नीला

तिरुवंतपुरम : केरल के कीजापेरूमपल्लम गांव में स्थित है नागनाथस्वामी मंदिर। यह केति स्थल के नाम से भी जाना जाता है। कावेरी नदी के तट पर बनीं इस मंदिर के पीछे का रहस्य ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मंदिर केतु को समर्पित है लेकिन मंदिर के प्रमुख शिवजी है और इसी वजह से ये नागनाथ के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में राहु के ऊपर दूध चढ़ाने दूर-दूर से लोग आते हैं। सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस मंदिर में कुछ लोगों के द्वारा दूध चढ़ाने पर उस दूध का रंग बदलकर नीला हो जाता है। इस बारे में लोगों की ऐसी मान्यता है कि जो लोग केतु ग्रह के दोष से पीडि़त होते हैं केवल उनके द्वारा चढ़ाया गया दूध ही अपना रंग बदल देता है।

केति स्थल से संबंधित एक पौराणिक कथा यहां लोगों के बीच काफी मशहूर है। कहा जाता है कि एक बार एक ऋषि के श्राप से मुक्त होने के लिए केतु ने शिव की आराधना प्रारंभ की। शिवजी केतु की तपस्या से खुश हुए और किसी एक शिवरात्रि के दिन उन्होंने केतु को ऋषि के श्राप से मुक्ति दिलाई। शायद यही वजह है कि केतु को समर्पित इस मंदिर के प्रमुख भगवान शिव को माना जाता है। इसके पीछे शायद एक और वजह हो सकती है कि केतु को सांपों का देवता भी माना जाता है। मंदिर में दूध का रंग बदल जाने की घटना से यहां सभी वाकिफ है और इन्हीं चमत्कारिक वजहों के चलते भक्तों का यहां आना-जाना लगा रहता है।

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