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नोटबंदी के बाद रिटर्न दाख‍िल न करने वाले लोगों की संख्या 80 हजार

नोटबंदी के बाद 80 हजार ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न किए जाने के बाद आयकर विभाग जांच कर रहा है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसकी जानकारी दी है.

नोटबंदी के बाद रिटर्न दाख‍िल न करने वाले लोगों की संख्या 80 हजार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने प्रगति मैदान में व्यापार मेले में आयकर विभाग के स्टॉल का उद्घाटन किया.

इस मौके पर उन्होंने जानकारी दी कि आय कर विभाग ने 80 लाख ऐसे लोगों की पहचान की है, जिन्होंने पिछले तीन साल के दौरान अपना रिटर्न दाखिल किया है. लेकिन इस बार अब तक रिटर्न दाख‍िल नहीं किया है. चंद्रा ने कहा कि नवंबर, 2016 में हुई नोटबंदी के बाद देश में कर आधार बढ़ाने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से प्रत्यक्ष करों से देश का शुद्ध राजस्व भी बढ़ा है.

चंद्रा ने जानकारी दी, ‘‘पिछले साल प्रत्यक्ष करों का योगदान 52 फीसदी और अप्रत्यक्ष करों का योगदान 48 फीसदी था.” उन्होंने बताया कि कई साल बाद ऐसा हुआ है, जब प्रत्यक्ष करों का योगदान अप्रत्यक्ष करों से अधिक रहा है.

नोटबंदी से क्या मदद मिली? इस सवाल का जवाब देते हुए चंद्रा ने कहा, ‘मैं कहूंगा कि पैसा बैंक खातों में आ गया. इससे हमारे लिए ये पता लगाना आसान हो गया कि कितने लोगों ने पैसे तो जमा किए, लेकिन उनका रिटर्न दाख‍िल नहीं किया.’

नोटबंदी के बाद की गई कार्रवाई के बारे में सीबीडीटी प्रमुख ने बताया कि आय कर विभाग ने इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों को ईमेल व एसएमएस भेजे. कई लोगों ने इसके बाद अपना रिटर्न दाख‍िल किया.

चंद्रा ने बताया कि नोटबंदी के बाद रिटर्न दाख‍िल नहीं करने वाले तीन लाख लोगों को नोट‍िस भेजे गए थे. ये संवैधानिक नोटिस थे. नोट‍िस के बाद 2.25 लाख लोगों ने रिटर्न जमा कराया. हालांकि 80 हजार लोगों ने अभी तक रिटर्न जमा नहीं किया है. इसके बाद विभाग इनके पीछे लगा हुआ है.

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