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पब्लिक प्रोविडेंट फंड में रखा आपका पैसा है सुरक्ष‍ित, सरकार ने कहा- अफवाहों पर न दें ध्यान

केंद्र सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) समेत अन्य छोटी बचत योजनाओं में बड़े बदलाव करने जा रही है. इसमें मैच्योरिटी से पहले विद्ड्राअल की सुविधा देने के साथ ही  अन्य कई बदलाव किए जाने की तैयारी है. हालांकि सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि इन बदलावों की वजह से डिपोजिटर्स को मौजूदा समय में मिल रहे लाभों से वंच‍ित नहीं किया जाएगा.  पब्लिक प्रोविडेंट फंड में रखा आपका पैसा है सुरक्ष‍ित, सरकार ने कहा- अफवाहों पर न दें ध्यान

सरकार ने कहा है कि पीपीएफ में रखे आपके पैसे पर कोई आंच नहीं आएगी. इस पर आपको मौजूदा समय में जो सुविधांए मिल रही हैं, वो आगे भी मिलती रहेंगी.

केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार छोटी बचत योजनाओं को काफी ज्यादा तवज्जो देती है. खासकर बेट‍ियों और वरिष्ठ नागरिकों के नाम पर खोले गए खातों पर उसका ध्यान है. सरकार ने कहा है कि लगातार बचत करने वाले देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान रखते हैं.

सरकार ने कहा है कि फिलहाल इन छोटी बचत योजनाओं को लेकर कई कानून मौजूद हैं. सरकार सुशासन को बढ़ावा देने के लिए इन अलग-अलग कानूनों को एक कानून में मर्ज करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए गवर्नमेंट सेविंग्स सर्ट‍िफिकेट एक्ट, 1959 और पब्ल‍िक प्रोविडेंट फंड एक्ट, 1968 को गवर्नमेंट सेविंग्स बैंक एक्ट, 1873 में मर्ज करने का प्रस्ताव है.

केंद्र  ने कहा कि इन कानूनों के एक ही एक्ट में मर्ज  होने के बाद मौजूदा समय में मिल रहे फायदों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बल्क‍ि इस बदलाव के साथ नई  सुविधाएं खाताधारकों को दी जाएंगी.

सरकार ने कहा कि इस बदलाव का सबसे अहम लक्ष्य अलग-अलग कानून को एक में ही सम‍ाहित करना है. इसके साथ ही खाताधारकों के लिए छोटी बचत योजनाओं में निवेश करना आसान बनाना है.

सरकार की यह सफाई उन अफवाहों व खबरों के बाद आई है, जिनमें कहा जा रहा था कि सरकार पीपीएफ अकाउंट की सुरक्षा को कम करने जा रही है. सरकार ने साफ किया है कि ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है. उसने कहा है कि पीपीएफ अकाउंट हमेशा की तरह ही सबसे सुरक्ष‍ित रहेगा.

दरअसल पीपीएफ में रखे गए पैसे को कोर्ट के आदेश के बाद भी जब्त नहीं किया जा सकता है. ऐसी अफवाहें उड़ रही थीं कि सरकार इस प्रावधान को खत्म कर सकती है. इसको लेकर ही सरकार ने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है और यह सुविधा पहले की तरह ही आगे भी मिलती रहेगी.

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