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परिहार बंधुओं व आरएसएस नेता का हत्यारा हरूण डोडा मुठभेड़ में मारा गया

श्रीनगर : जम्मू—कश्मीर के किश्तवाड़ में परिहार बंधुओं आैर आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा, उनके पीएसओ का हत्यारा हिजबुल आतंकी हरूण काे सुरक्षा बलों ने डोडा में जारी मुठभेड़ में मार गिराया है। मुठभेड़ स्थल पर अभी भी एक आतंकी छिपा हुआ है और दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। सेना, एसओजी के जवानों ने डोडा में गुंदना जंगलों में छिपे इन आतंकियों को चारों ओर से घेर रखा है। आतंकियों के बचकर निकलने की कोई संभावना नहीं है। यही नहीं सुरक्षा बलों ने डोडा के साथ लगते जंगलों में सर्च आपरेशन भी चलाया हुआ है। हिजबुल मुजाहिदीन का जिला कमांडर हरुण की डोडा व किश्तवाड़ पुलिस कई महीनों से तलाश कर रही थी। यही नहीं डोडा पुलिस ने हरूण और उसके साथी मसूद पर डोडा पुलिस ने 15 लाख का इलाम भी रखा था। हरुण वानी डोडा का ही रहने वाला था। एमबीए कर चुका हरूण डोडा में एमआर की नौकरी भी कर चुका है। वर्ष 2017 में अचानक वह घर से लापता हो गया। घर वालों ने उसकी तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

2018 में हरूण को हिज्ब के एक ग्रुप फोटाे में श्रीनगर में देखा गया। घर वालों ने उसे वापस बुलाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। जहां तक की उसने घर पर बात करना भी बंद कर दी। श्रीनगर में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिए जाने के बाद हरूण किसी तरह किश्तवाड़ पहुंचा और अमीन भट्ट उर्फ जहांगीर सरूरी के अधीन काम करने लगा। उसके साथ औसामाबिन जावेद भी था। हरूण और ओसामाबिन जावेद ने भी किश्तवाड़ के अनिल परिहार, अजीत परिहार की हत्या की। यही नहीं डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज सिंह राणा के पीएसओ की बूंदक छीनने उसके बाद 9 अप्रैल को आरएसएस नेता चंद्रकांत व उनके पीएसओ राजेंद्र सिंह की हत्या में भी इन्हीं दोनों का हाथ था। कुछ माह पहले पीडीपी जिला प्रधान शेख नसिर हुसैन के पीएसओ की बंदूक छीनने में भी हरूण का ही हाथ था। इन घटनाओं के बाद किश्तवाड़ में पुलिस की सक्रियता बढ़ने पर हरूण भागकर डोडा में छिप गया था।

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