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पहली बार सरकार में किसी पद पर बैठेगा ठाकरे परिवार का सदस्य, बाला साहेब का सपना होगा पूरा

महाराष्ट्र में महीने भर से चल रही राजनीतिक उठापटक के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन सरकार बनाएगा। सरकार का नेतृत्व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे करेंगे। मंगलवार शाम को यहां ट्राइडेंट होटल में हुई तीनों दलों की संयुक्त बैठक में यह घोषणा की गई। बैठक में महाविकास अघाड़ी के औपचारिक गठन की घोषणा भी हुई। सूत्रों के अनुसार उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को शाम 6.40 बजे शिवाजी पार्क में शिवतीर्थ पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। किसी राजकीय पद पर बैठने वाले ठाकरे परिवार के वह पहले सदस्य होंगे। इससे पहले ठाकरे परिवार रिमोट कंट्रोल वाली राजनीति करता रहा है। बैठक के बाद तीनों दलों के नेताओं ने राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

उद्धव चुनाव के बाद से ही शिवसेना के लिए मुख्यमंत्री पद की जिद पर अड़े थे। उनका कहना था कि उन्होंने अपने पिता बाला साहेब ठाकरे को शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने का वचन दिया था। चुनाव में उन्होंने अपने बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था।

तब किसी को नहीं पता था कि राजनीति के ऊंट की करवट उद्धव को ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा देगी। सूत्रों के अनुसार उद्धव के साथ दो उपमुख्यमंत्री भी शपथ लेंगे। ये कांग्रेस की तरफ से बाला साहेब थोराट और एनसीपी की तरफ से जयंत पाटिल होंगे। साथ ही उद्धव का मंत्रिमंडल भी यहां शपथ लेंगे।

बैठक में महाविकास अघाड़ी की घोषणा के बाद एनसीपी के विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आदेशानुसार वह एनसीपी प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम घोषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह शरद पवार का ही विचार था कि महाविकास अघाड़ी का नेतृत्व उद्धव ठाकरे को संभालना चाहिए। सभी ने इसका जोरदार स्वागत किया। जयंत पाटिल के प्रस्ताव का कांग्रेस के बाला साहेब थोराट ने अनुमोदन किया।

15 साल चलेगा गठबंधन : जयंत पाटील
पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अब देवेंद्र फड़णवीस के नाम दर्ज है। उन्होंने कहा कि लगातार सवाल उठ रहा है कि यह सरकार आखिर कब तक टिकेगी। इसका यही जवाब है कि हमने मिलकर एक न्यूनतम साझा कार्यक्त्रस्म तय किया है। उस पर चलते हुए यह गठबंधन पांच साल नहीं बल्कि 15 साल चलेगा। पाटिल के अनुसार यह अघाड़ी किसानों, महिलाओं, अपंगों, मजदूरों और वंचितों समेत प्रादेशिक मुद्दों पर विशेष ध्यान देगी।

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