पर्यटन

पहाड़ों के बीच बसा है ये खूबसूरत कस्बा, घूमने के लिए जल्दी बनाये प्लान

पहाड़ों में घूमना किसे अच्छा नहीं लगता। पूर्वोत्तर भारत की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने में पहाड़ बड़ा कारण होते हैं। वहां के पर्यटन स्थलों की हसीन वादियों में ऐसा जादू होता है कि लोग एक बार घूमकर आने के बाद वहां का अनुभव नहीं भूलते। हम यहां बता रहे हैं पूर्वोत्तर भारत की एक ऐसी ही खूबसूरत जगह के बारे में:

अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले में पहाड़ों के बीच स्थित एक खूबसूरत सा कस्बा है- अलोंग, जो कि कई छोटे गांवों से मिलकर बना है। असम की सीमा से सटी सियांग नदी की दो सहायक नदियों योमगो और सीपू के किनारे स्थित अलोंग की प्राकृतिक सुंदरता बेजोड़ है। यहां का मौसम काफी खुशगवार होता है।

एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए यह शानदार जगह है। ट्रेकिंग, रीवर राफ्टिंग और हाइकिंग के लिए भी एक आदर्श जगह है। यहां का आर्किड रिजर्व फॉरेस्ट भी एक प्रमुख आकर्षण हैं, जहां आर्किड की विशाल प्रजातियों को देखा जा सकता है। शॉपिंग के लिहाज से भी यह अच्छी जगह है। लोग यहां से बेंत और बांस के उत्पाद और शॉल, जैकेट और बैग जैसे हैंडलूम उत्पाद लाना नहीं भूलते।

अलोंग और इसके आसपास कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से पातुम ब्रिज, हैंगिंग ब्रिज, मेचुका की घाटी, अकाशीगंगा मंदिर, डोनियो मंदिर, मिथुन और जर्सी क्रॉस ब्रीडिंग फर्म, पुवक घाट, मालिनीथान, रामकृष्ण आश्रम और कमकी हाइड्रोपॉवर डैम आदि महत्वपूर्ण हैं।

ऐसे पहुंचेे अलोंग:

सड़क मार्ग से: अलोंग सड़कों के जरिए अच्छे से जुड़ा हुआ है। नेशनल हाइवे 52 इसे पासीघाट से जोड़ता है। अलोंग पहुंचने के लिए आपको बस व जिनी परिवहन मिल जाएंगे।

रेल मार्ग से: अलोंग के लिए सीधी ट्रेन सेवा नहीं है। यहां सेे सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन सिलापाथर है, जहां से टैक्सी लेकर आपको अलोंग जाना होगा।

हवाई मार्ग से: अलोंग में एक हवाई अड्डा है, जो दूसरे क्षेत्रों को भी जोड़ता है। अलोंग पहुंचने के लिए ईटानगर, जीरो और डपोरीजो से हेलिकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है।

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