संपादकीय

पाकिस्तान को ऐसे सबक सिखा सकता है भारत, ये रहे 5 विकल्प

uri-terror-attack_1474266096पठानकोट एयरबेस के बाद अब जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आर्मी बेस पर हुए हमले से भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद तल्ख हो हो गए हैं। नई दिल्ली पर हर तरफ से दबाव है कि वह इस हमले का सख्ती से जवाब दे। कश्मीर और बलूचिस्तान पर दोनों देशों के बीच बयानबाजी के दौर के बाद आज जो हालात बने हैं, उस पर अब कई राजनेता भी चाहते हैं कि भारत को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना ही चाहिए। ऐसे में अब सवाल है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत के पास क्या-क्या विकल्प हैं…
 
1- आतंकी कैंपों पर हमला
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के कई कैंप संचालित हो रहे हैं। भारत के खिलाफ हमलों को अंजाम देने में पाकिस्तानी सेना भी इन आतंकियों की मदद करती है। भारत के पास विकल्प है कि वह पीओके में इन आतंकी कैंपों पर हमला करे। लेकिन इससे परमाणु ताकत पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ने की भी आशंका है।

2- म्यांमार ऑपरेशन जैसा कदम
जून 2015 में मणिपुर में सेना के काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने म्यांमार में सीमावर्ती इलाकों में आतंकियों पर सीधा हमला बोला और  इन कैंपों को निष्क्रिय किया गया। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ भी इस विकल्प पर विचार किया गया था लेकिन इसे अंजाम नहीं दिया गया। हालांकि पाकिस्तान और म्यांमार के आतंकवाद को लेकर स्टैंड में भी फर्क है।

3- ऑपरेशन पराक्रम -2 
2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के समय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने सीमा पर चप्पे-चप्पे पर सेना  लगा दी थी। इसे ऑपरेशन पराक्रम नाम दिया गया था। नई दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमिशन को घटा दिया गया था, पाकिस्तानी फ्लाइट्स के लिए भारत के आसमान से गुजरने पर पाबंदी लगा दी गई थी। इस्लामाद में भारत के हाई कमिश्नर हो वासस बुलाय लिया गया था। इसी तरह के फैसले भारत अब भी ले सकता है।  

4- डिप्लोमेसी
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को राज्य के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता रहा है। कूटनीतिक मोर्चों पर भारत भी दशकों से पाकिस्तान को विश्व बिरादरी के सामने बेइज्जत करता रहा है। अब जब आतंकवाद वैश्विक खतरा बन चुका है तो भारत नए सिरे से पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक घेरेबंदी कर सकता है।  

5- द्विपक्षीय वार्ता और सेना से बात
भारत एक अलग तरह का कदम उठाते हुए पाकिस्तान के नागरिक समाज के साथ वार्ता कर सकता है। हालांकि यह नई दिल्ली के स्टैंड के खिलाफ जाएगा जो आतंकवाद और संवाद, साथ-साथ नहीं चलने की बात कहता रहा है।  भारत पाकिस्तानी आर्मी से साथ बैक चैनल से वार्ता कर सकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में सेना सरकार से भी ताकतवर है।  

 
 

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