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पाकिस्तान: न्यायिक आयोग अध्यक्ष ने कहा- हिंदू मेडिकल छात्रा की हत्या नहीं हुई, खुदकुशी की

कराची: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना की डेंटल छात्रा नम्रता चंदानी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने छात्रा की हत्या से इनकार करते हुए कहा है कि उसने खुदकुशी की थी. ‘द न्यूज’ ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया कि न्यायिक आयोग ने नम्रता की मौत के मामले की जांच पूरी कर ली है और अपनी 17 पन्ने की रिपोर्ट सिंध के गृह विभाग को सौंप दी है.

आयोग के अध्यक्ष लरकाना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में नम्रता के शिक्षण संस्थान आसिफा मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व अन्य स्टॉफ से कई चरणों में पूछताछ की. आयोग ने इस मामले में पुलिस की जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट, नम्रता व मामले के संदिग्धों के सेलफोन व लैपटॉप के फोरेंसिक डेटा व अन्य सबूतों की जांच की.

सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने ऐसा कुछ नहीं पाया जो नम्रता की हत्या होने की तरफ संकेत करे. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “दोस्त द्वारा शादी का प्रस्ताव ठुकराने के बाद नम्रता बेहद दबाव में थी. इस मानसिक तनाव और हताशा के कारण उसने खुदकुशी कर ली.”

लरकाना के शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल विश्वविद्यालय के आसिफा मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज की बीडीएस की अंतिम वर्ष की छात्रा नम्रता बीती 16 सितंबर को अपने कमरे में मृत मिली थी. विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस ने शुरू में कहा कि मौत की वजह खुदकुशी लग रही है लेकिन नम्रता के घरवालों ने हत्या की आशंका जताई.

नम्रता के एक भाई विशाल डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा था कि एक डॉक्टर होने की हैसियत से भी वह कह सकते हैं कि उनकी बहन के गले व शरीर पर जैसे निशान हैं, उससे साफ लग रहा है कि उसकी हत्या की गई है. नम्रता के सहपाठियों के अलावा हिंदू समुदाय के सदस्यों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने नम्रता की मौत को संदिग्ध बताते हुए प्रदर्शन किए थे. उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी जिसके बाद न्यायिक आयोग का गठन हुआ था.

पुलिस ने इस मामले में नम्रता के दो सहपाठियों को हिरासत में लिया था. इनमें से एक ने कहा था कि नम्रता की उसकी घनिष्ठ मित्र थी. वह उससे शादी करना चाहती थी लेकिन वह सामाजिक कारणों से शादी के लिए तैयार नहीं था. इस बात से नम्रता काफी परेशान थी. इस मामले में पुलिस की गंभीर लापरवाहियों का खुलासा भी हुआ. फॉरेंसिक जांच करने वालों ने कहा था कि उनके पास फॉरेंसिक सबूत समय से भेजे ही नहीं गए. उंगलियों के निशान इतनी देर बाद भेजे गए कि उनके होने का कोई अर्थ ही नहीं रहा.

मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नम्रता की हत्या और इससे पहले उसके साथ दुष्कर्म की बात कही गई थी. लरकाना के चंदका मेडिकल कॉलेज हास्पिटल की मेडिको-लीगल अफसर डॉ. अमृता ने यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी थी. उन्होंने कहा था कि नम्रता की मौत दम घुटने से हुई. हालांकि, बाद में इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी और जांच आयोग ने कहा कि डॉ. अमृता ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह रिपोर्ट दी है.

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