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पुलवामा हमला वाले बयान पर कायम सिद्धू, पूछा- कहां गया 56 इंच का सीना

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ‘कायरतापूर्ण’ हमले पर बयान देकर फंसने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सफाई पेश की है. पंजाब कैबिनेट के मंत्री सिद्धू ने कहा कि चार आतंकवादियों की वजह से देश का विकास नहीं रुकना चाहिए. जो हुआ बेहद दुखद हुआ है. इनको सजा देना बहुत जरूरी है क्योंकि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाकर आतंकी हमले को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

लुधियाना में सिद्धू ने कहा कि मैं अपने दिए गए बयानों पर पूरी तरह से कायम हूं. आतंकवादियों ने पीठ के पीछे वार किया है और इसका जवाब उनको मिलना ही चाहिए. साथ ही सिद्धू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अब वो 56 इंच का सीना कहां गया. सिद्धू ने कहा, ‘मेरी हर बात की हर लाइन को पूरा नहीं दिखाया जाता. मैं आतंकवाद के खिलाफ डट कर खड़ा हूं.’

सिद्धू ने कहा, ‘फौजियों के काफिले की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया. जब एक मंत्री के गुजरने से पहले पूरे शहर को सुरक्षा के मद्दे नजर जाम कर दिया जाता है तो सेना के इतने बड़े काफिले के गुजरने से पहले ट्रैकर क्यों नहीं चलाया गया. इस प्रकार से जवानों की जो शहादतें हुई हैं, इसका स्थायी समाधान खोजना चाहिए, क्योंकि यह सब पिछले 71 सालों से हो रहा है.’

अपने पकिस्तान जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘मैं तो बुलावे पर एक दोस्त के नाते गया था, इस देश का प्रधानमंत्री तो बिना बुलावे के ही पकिस्तान जाकर गले मिलकर आए थे और उनके आते ही पठानकोट के दिना नगर में आतंकियों ने हमला कर दिया. जब अटल जी पकिस्तान जाकर आए थे तो कारगिल युद्ध हुआ था. इसलिए किसी के पकिस्तान जाने का इन सब चीजों के साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘अगर हम 4 आतंकियों की वजह से देश का विकास रोकते हैं तो हम उनका मनोबल बढ़ाकर उन्हें तूल दे रहें हैं. मेरे लिए देश सबसे पहले है. इसलिए ऐसे सांपों को कुचलना बेहद जरूरी है. मैं अपने दिए गए बयानों पर पूरी तरह से कायम हूं. आतंकवादियों ने पीठ के पीछे वार किया है और इसका जवाब उनको मिलना ही चाहिए.’

क्या बोले थे सिद्धू…

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर इमरान खान के पिछले साल हुए शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने आतंकवाद की समस्या के खात्मे के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा था. उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले के बाद कहा था, ‘कुछ लोगों के लिए क्या आप पूरे देश को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं और क्या आप किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहरा सकते हो?’

कहा, ‘यह कायरतापूर्ण कार्रवाई है और मैं सख्ती से इसकी निंदा करता हूं. हिंसा हमेशा निंदनीय है और जिन लोगों ने यह किया उन्हें सजा मिलनी चाहिए. आतंकवाद का कोई धर्म और उसकी कोई जाति नहीं होती. पिछले 71 साल से यह सब हो रहा है. क्या वह कभी रूके हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए हिंसा हमेशा निंदनीय है. मैं हमेशा अहिंसा में विश्वास रखता हूं. किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं है. मेरे लिए आगे बढ़ने के लिए अहिंसा सबसे प्रबल हथियार है.’

सिद्धू के इस बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि यह वक्त बातचीत का नहीं है. बातचीत की बात करना तो बेवकूफी होगी. हमारे जवानों की शहादत जाया ना जाए इसके लिए हमें कड़ा जवाब देना चाहिए. बता दें कि जम्मू कश्मीर में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक में गुरुवार को CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे.

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