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पुलवामा हमले पर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा: आतंकी हाफिज सईद ने 5 फरवरी को दी थी भारत पर हमले की धमकी

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर फिदायीन हमला कर सुरक्षा बलों के मनोबल पर हमले की कोशिश की है। आतंकी हमले से ठीक पहले आतंकियों ने पाकिस्तान में कई रैलियां की थीं। बीती पांच फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद की रैली में भारत पर हमले की बातें की गई थी। जैश-ए-मोहम्मद की कराची रैली में संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु के नाम पर आत्मघाती दस्ते बनाए जाने का ऐलान किया गया था।

रैली में ऐलान किया गया था कि जैश ने ऐसे आत्मघाती हमलावरों के सात दस्ते भारत के अलग-अलग शहरों में रवाना कर दिए हैं। रैली के दौरान आतंकी हाफिज सईद ने पीएम मोदी को धमकी देते हुए कहा था कि मोदी अपनी फौज लेकर कश्मीर से निकल जा और नहीं निकलेगा तो बहुत कुछ छोड़ना पड़ेगा। सईद की इस धमकी के बाद कश्मीर में हमला हुआ और कम से कम 37 जवान शहीद हो गए।

पाकिस्तान में 10 दिन पहले मसूद अजहर के भाई ने रैली में दी थी धमकी

यह हमला पाकिस्तान के कराची में 5 फरवरी को जैश-ए-मोहम्म्द की रैली के बाद हुआ है। उस रैली में जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अब्दुल रऊफ असगर ने भारत के अन्य हिस्सों को दहलाने का एलान किया था। उसने कहा था कि एक बार फिर कश्मीर सॉलिडरिटी डे मानाएंगे तो दिल्ली दहल चुकी होगी।

6 महीने पहले कराची में रची थी हमले की साजिश

पुलवामा हमले की साजिश छह महीने पहले पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी। खुफिया एजेंसियों ने दिसंबर में ही अलर्ट जारी किया था कि आतंकी आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडो कश्मीर में घुस चुका है। गाजी अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के साथ भी काम कर चुका है।

जैश ने दिसंबर में दी पाक अधिकृत कश्मीर में आईईडी धमाके की ट्रेनिंग

पाक अधिकृत कश्मीर के आंतकी कैंप में अब्दुल रशीद गाजी ने इस हमले को अंजाम देने वाले आदिल अहमद डार को आईईडी धमाके की ट्रेनिंग दी थी। खुफिया एजेंसियों ने दिसंबर में ही अलर्ट जारी किया था कि गाजी कश्मीर में घुस चुका है। गाजी अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के साथ भी काम कर चुका है।

मानवबम बना डार 2018 में जैश से जुड़ा

जैश प्रवक्ता ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो जारी कर दावा किया है कि इसे आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडो ने अंजाम दिया। वह पुलवामा के गुंडी बाग से आतंकी नेटवर्क चलाता था। पुलवामा के काकापोर का रहने वाला डार 2018 में जैश में शामिल हुआ था। डार जैश के अफजल गुरु स्क्वाड से जुड़ा था। इस गुट ने लालचौक पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी और उड़ी हमले में शामिल था।

सात दिन पहले जारी हुआ था अलर्ट

सुरक्षा एजेंसियों के पास इनपुट था कि घाटी में अफजल गुरु और मकबूल भट की बरसी पर जैश का अफजल गुरु स्क्वॉयड बड़ा हमला कर सकता है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने आठ फरवरी को ही इसे लेकर अलर्ट जारी किया था। इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबालों की तैनाती की जगहों और उनके आने-जाने के रास्ते को निशाना बना सकते हैं। इसलिए पूरी सावधानी बरती जाए।

15 दिन पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने हमले का अलर्ट दिया था

15 दिन पहले अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस ने सीनेट में रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान स्थित आतंकी भारत को 2019 में निशाना बनाते रहेंगे। चुनाव से पहले हमले की संभावना ज्यादा है।

जैश ने देश में पहले भी बड़े हमले किए

जैश नए तरीके के हथियारों मसलन रसायन और दवाओं के जरिए भारत भर में हमलों की धमकी दे चुका है। जैश ने ही 2016 में उड़ी हमले, 2016 में पंजाब पठानकोट स्थित वायु सेना ठिकाने पर हमला, संसद भवन पर हमला (दिसंबर, 2001), जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला (अक्टूबर 2001), इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण (दिसंबर 1999), अयोध्या और वाराणसी धमाके।
नवंबर, 2007 में उत्तर प्रदेश पुलिस के एसटीएफ द्वारा लखनऊ में गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह राहुल गांधी के अपहरण के लिए देश में आए थे।

मसूद अजहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहता है

पाकिस्तान ने 2002 में जैश पर प्रतिबंध लगा दिया था। बावजूद, जैश का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में रहता है। भारत पाक से अजहर के प्रत्यर्पण की मांग कर चुका है, पर पाक सबूतों के अभाव का हवाला दे इसे नामंजूर करता रहा है।

एक साल में 11वां आईईडी धमाका

कश्मीर में 1990 के दशक में आईईडी हमले सबसे ज्यादा होते थे। पर एक बार फिर वह दौर लौटा है। 2018 से लेकर अब तक 11वीं बार आतंकियों ने आईईडी से हमला किया है।

29 साल में 21 हजार से ज्यादा आतंकी मारे गए

जम्मू-कश्मीर में आतंक की शुरुआत 90 के दशक में हुई थी। 1990 से लेकर अब तक राज्य में आतंकी हमलों में 5,777 से ज्यादा जवान शहीद हुए हैं। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 21,562 आतंकी मारे गए गए हैं। इसके अलावा आतंकी हमलों में 16,757 नागरिक भी मारे गए हैं।

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