अपराध

पुलिस ने कराई साइबर अपराधियों की परेड

रांची : झारखंड की राजधानी रांची में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए 22 साइबर अपराधियों की पुलिस ने परेड़ कराई। कतार में एक साथ 22 अपराधियों को देखकर लोग चौंक गए। दरअसल, पुलिस उन्हें एसपी की प्रेस कांफ्रेंस में शामिल कराने के लिए परेड कराते हुए कतार में ले गई। कतार लगाकर उन्हें समाहरणालय में एसएसपी कार्यालय ले जाया गया। यहां एसएसपी अनीश गुप्‍ता ने प्रेस कांफ्रेंस कर मामले के बारे में बताया। गौरतलब है कि मंगलवार को राजधानी रांची में सीआइडी और एटीएस ने रांची पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर दो स्थानों से 22 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 100 से अधिक मोबाइल, लैपटॉप और हजारों स्क्रैच कूपन बरामद किए थे। स्क्रैच लॉटरी कूपन लोगों के पते पर भेजकर चूना लगाने वाले गिरोह के 22 अपराधियों को दबोचा। सीआइडी, एटीएस व रांची पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से रातू रोड के देवी मंडप रोड और नोभा नगर पिस्का मोड़ में छापेमारी कर साइबर अपराधियों को दबोचा। रातू रोड के देवी मंडप में स्थित एक मकान में रहने वाले करीब एक दर्जन किराएदारों को पकड़ा गया। इसके बाद उनकी निशानदेही पर नोभा नगर से अन्य अपराधियों को दबोचा गया। पकड़े गए सभी अपराधी बिहार के पटना, नवादा, समस्तीपुर सहित अन्य जगहों के रहने वाले हैं। सीआइडी को सूचना मिली थी कि पंडरा ओपी क्षेत्र के रातू रोड लॉटरी के नाम पर ऑनलाइन साइबर ठगी का गोरखधंधा चल रहा है। इसके सत्यापन के बाद पुलिस ने धावा बोला और लोगों को गिरफ्तार किया।
एटीएस और सीआइडी की टीम ने सबसे पहले देवी मंडप रोड के रंजन कुमार के घर छापेमारी की। वहां से पकड़े गए अपराधियों निशानदेही पर नीतीश कुमार के घर में छापेमारी की। वहां से अवैध कागजात के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं देवी मंडप रोड हेसल के रहने वाले मनोज कुमार सिंह के घर रहने वाले नौ लोगों को कई कागजात के साथ गिरफ्तार किया। इसके बाद पिस्का मोड़ स्थित नोभा नगर के रहने वाले विजय साहू के घर छापेमारी कर एटीएस और सीआइडी की टीम ने 10 लोगों को कई कागजात के साथ गिरफ्तार किया। गिरोह के लोग ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से डेटा जमा कर ऐसे लोगों के पते पर स्क्रैच कूपन भेजते थे, जिन्होंने हाल में शॉपिंग की हो। उनके पते पर स्क्रैच कूपन भेजा जाता है। जिसमें लिखा रहता था कि आपने शॉपिंग की थी, इसके बाद आपको कंपनी की ओर से कूपन भेजा गया है। संबंधित व्यक्ति द्वारा कूपन स्कैच करने के बाद दिए गए नंबर पर कॉल करने को कहा जाता था। वहां कॉल करने पर बैंक खाते में सेक्यूरिटी मनी और टैक्स के नाम पर रुपये ट्रांसफर करवाया जाता था।

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