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पढ़ाई में नहीं लग रहा बच्चों का मन तो बसंत पंचमी के दिन करें ये उपाय

अपने जीवन में कुछ न कुछ हासिल करने के लिए, सफल होने के लिए व किसी मुकाम पर पहुचने के लिए हमे पढ़ाई करनी आवश्यक होती हैं। बिना इसके ना हीं हम अपने जीवन में सफल हो सकते और ना ही कोई मुकाम अपने जीवन में हासिल कर सकते हैं। पढ़ाई हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। ऐसे में हमारे देश मे पढ़ाई प्राचीन समय से ही बसंत पंचमी के दिन से ही शुरूआत की जाती थीं और आज भी यह प्रथा चली आ रही है। भारत में बसंत पंचमी का दिन बहुत ही अच्छा व शुभ समय माना जाता है क्योकि इस दिन माता सरस्वती की असीम कृपा सभी विद्यार्थियों पर बनी रहती है।

पढ़ाई में नहीं लग रहा बच्चों का मन तो बसंत पंचमी के दिन करें ये उपायऐसे में बसन्त पंचमी के दिन यदि आप के बच्चे कमजोर हो तो आप इस उपाय को अपना कर माता सरस्वती की कृपा पा सकते है। आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताने जा रहे है, जो कमजोर बच्चे अपनाते है तो वो काफी तेज हो जाएंगे। तो चलिए आपको बताते है, वो उपाय। देखा जाए तो मां सरस्वती ज्ञान-विज्ञान, कला, संगीत और शिल्प की देवी हैं। ऐसे में बसंत पंचमी का दिन बेहद खास होता है। यदि इस दिन बच्चे माता सरस्वती की आराधना करते है तो उन्हें शुभ फल जरूर मिलते है। इसके लिए आपको सुबह स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र धारण कर। माता सरस्वती को पीले और सफेद पुष्प अर्पित करना है।

यदि आपके बच्चों का भी मन पढ़ाई में नहीं लगता है, तो बसंत पंचमी के दिन आपको माता सरस्वती को हरे फल आर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही आपको माता सरस्वती का चित्र स्टडी रूम में रखना चाहिए। इसके साथ ही आपको इस दिन बच्चे की जीभ पर शहद से ॐ बनाना चाहिए, ऐसा करने से बच्चा ज्ञानवान होता है। इसके साथ ही इस दिन 6 माह पूरे हो चुके बच्चों को अन्न का पहला निवाला भी इसी दिन खिलाया जा सकता है। इसके साथ ही जो विद्यार्थी पढ़ रहे है , उन्हें इस दिन अपनी किताबों पर पीला कवर लगाना चाहिए और उस पर रोली से स्वास्तिक भी बनाना चाहिए।

पूजा करते वक्त आप यह ध्यान रखे कि माता सरस्वती की मूर्ति के साथ आप भगवान श्री गणेश की मूर्ति रखे। तब उसके बाद किताबें, कलम, वाद्य यंत्र आदि को मां सरस्वती के समक्ष रखें। इसके साथ ही माता-पिता को बच्चों को गोद में लेकर बैठे व बच्चों के हाथ से भगवान श्री गणेश को फूल अर्पित कर अक्षर अभ्यास कराए और सरस्वती पूजन के बाद पूजा में प्रयुक्त होने वाली हल्दी को कपड़े में बांधकर बच्चे के हाथ पर बांध दें। ऐसा करने से आपको अपने बच्चों में अंतर दिखाई देता हुआ नजर आयेंगा।

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