जीवनशैली

फोन पर तेज आवाज में गाने सुनने की आदत है खतरनाक, 4 मिनट से ज्यादा न लगाएं हेडफोन


जीवनशैली : स्मार्टफोन पर अगर आप भी तेज आवाज में गाने सुनने के आदि हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि यूनाइटेड नेशन्स की एजेंसियों की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि स्मार्टफोन में म्यूजिक सुनने और लगातार तेज आवाज के संपर्क में रहने की वजह से दुनियाभर के करीब 1 अरब से ज्यादा लोगों पर बहरेपन का खतरा है। इस समस्या को खत्म करने के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की गई है।
12-35 वर्ष के युवाओं पर खतरा अधिक : यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों को इस भयानक बीमारी का खतरा है, उनकी उम्र 12 से 35 वर्ष के बीच है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन डब्ल्यूएचओ ने बताया कि हियरिंग लॉस की समस्या के चलते दुनिया में 750 मिलियन डॉलर खर्च होने का अनुमान है। डब्ल्यूएचओ के तकनीकी अधिकारी शेली चड्ढा की मानें तो, दुनियाभर के एक अरब से ज्यादा युवाओं को स्मार्टफोन पर तेज गाना सुनने में मजा आता है। वे इसके लिए इयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इससे वह बहरेपन का शिकार हो सकते हैं या उनकी सुनने की ताकत कम हो सकती है।
4 साल तक की गई स्टडी के आंकड़े : शेली चड्ढा की मानें तो यह आंकड़े उनकी एक स्टडी के आधार पर बेस्ड है जिसे पूरा करने में करीब 4 साल का वक्त लगा। शेली कहती हैं कि इस स्टडी में युवाओं की सुनने की आदत और कितने वॉल्यूम तक वे आमतौर पर एक्सपोस्ड रहते हैं- इन दोनों बातों पर फोकस किया गया। शेली की मानें तो इस जानकारी के आधार पर उन्हें युवाओं को बहरेपन से बचाने का हल खोजने में भी मदद मिली। लिहाजा कोशिश यही की जा रही है कि यूजर को सशक्त और जागरूक बनाया जाए ताकि वह सही लिस्निंग चॉइस और डिसिजन ले सके।


फोन में वॉल्यूम कंट्रोल यूज करें : चड्डा ने बताया कि हम सभी के स्मार्टफोन में एक साउंड कंट्रोलिंग सिस्टम होता है, जो आपको बताता है कि आपको कितनी साउंड मिल रही है और आप साउंड लिमिट से ऊपर जा रहे हैं या नहीं। ऐसे में अगर बहरेपन का शिकार होने से बचना है तो स्मार्टफोन में दी गई उस गाइडलाइंस को जरूर फॉलो करें। इसके अलावा आप बहरेपन का शिकार होने से बचने के लिए ऐसी डिवाइस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें ऑटोमैटिक वॉल्यूम कंट्रोल हो। कान में तेज आवाज होने पर आवाज अपने आप कम हो जाए।

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