अन्तर्राष्ट्रीय

फ्रांस चुनावः लोग ऐतिहासिक बदलाव को तैयार, भारत में भी हुई वोटिंग

पेरिसः लगता है फ्रांस के लोग ऐतिहासिक बदलाव के लिए कमर कस चुके हैं। यही वजह रही कि संसदीय चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में लोग घरों से निकले ही नहीं। शाम के पांच बजे तक केवल 35.33 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। माना जा रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमन्यूएल मैक्रों के फैसले लोगों को रास आ रहे हैं। 577 सदस्यों के चुनाव के दूसरे चरण में आंकड़े इशारा कर रहे हैं कि मैक्रों की पार्टी तेजी से अपने पैर पसार रही है। इसके गठन को अभी साल भी पूरा नहीं हुआ है। सोशलिस्ट व कंजर्वेटिव रिपब्लिकल्स के लिए अपना वजूद बचाना भारी पड़ रहा है। किसी को 50 सीटें मिलने का अनुमान है तो किसी को महज 20 से 25। फ्रांस के इतिहास में सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति का अभ्युदय किसी चमत्कार से कम नहीं रहा। सत्ता संभालने के बाद जो फैसले उन्होंने लिए वह राष्ट्रहित में हैं, यह जनता मान रही है।
विरोधी दलों के नेता मतदान के दौरान लोगों से यह कहते भी दिखे कि घर से बाहर निकलकर वोट डालो। एक पार्टी को इतना ज्यादा बहुमत मिलने से हालात बेकाबू हो सकते हैं। पुडुचेरी में फ्रांसीसी मूल के लोग भारी तादाद में रहते हैं। जब फ्रांस में मतदान चल रहा था तभी इन लोगों के लिए भी मतदान की व्यवस्था भारत में की गई। फ्रांसीसी दूतावास में मतदान केंद्र बनाया गया, जिसमें लोगों ने अपने वोट डाले। इस केंद्र शासित प्रदेश में पांच हजार फ्रांस के वोटर हैं।

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