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बल्लेबाजों के सहारे दक्षिण अफ्रीका का रण जीतने की उम्मीद

-सैय्यद मोहम्मद अब्बास

भारतीय क्रिकेट टीम इस समय प्रचंड फॉर्म में चल रही है। विराट कोहली की टीम लगातार जीत का डंका बजा रही है।भारतीय पिचों पर टीम इंडिया बेहद खतरनाक दिख रही है। स्पिन टै्रक पर विदेशी टीमें चारों-खाने चित हो रही है। दरअसल भारतीय टीम अपनी धरती पर हमेशा राजा की तरह खेलती है। यहां के विकेट पर दुनिया के धाकड़ खिलाड़ी संघर्ष करते नजर आते हैं। हालांकि इसके उलट भारतीय खिलाड़ी विदेशी पिचों पर जौहर दिखाने में नाकाम रहते हैं। जहां तक मौजूदा टीम की बाद है तो विराट कोहली की सेना इस समय शानदार फॉर्म में नजर आ रही है। अभी हाल में टीम इंडिया ने श्रीलंका को हराया है। इस साल टीम इंडिया ने कई टीमों को धूल चटाई लेकिन टीम इंडिया की असली परीक्षा अगले साल यानी जनवरी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होगी। जानकारों की मानें तो टीम इंडिया ने भले ही दुनिया कई टीमों को पराजित किया हो लेकिन सच्चाई यही है कि श्रीलंका जैसी कमजोर टीम के खिलाफ मिली जीत कुछ ज्यादा महत्व नहीं रखती है।

हाल के दिनों में श्रीलंका का क्रिकेट भी गर्त की ओर बढ़ चुका है। ऐसे में श्रीलंका के खिलाफ मिली जीत का डंका उतना नहीं सुनाई पड़ रहा है। जहां तक टीम के खिलाडिय़ों की बात की जाये तो भारतीय पिचों पर रन बनाने में माहिर है लेकिन विदेशी पिचों इन्हीं खिलाडिय़ों का पैर तक नहीं चलता है। पुजारा की बात की जाये तो वह भारतीय टीम की नई दीवार के रूप में देखा जा रहे हैं। उन्होंने मौजूदा श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में रनों का अम्बार लगाया लेकिन अब येह देखना हो गा कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करते हैं। तेज पिचों पर पुजारा का धैर्य भी जवाब देता है। हालांकि पुजारा भारतीय जर्मी पर तीन नम्बर पर बल्लेबाजी करने वाले सबसे खतरनाक बल्लेबाज माने जाते हैं। उन्होंने साल 2017 में बेजोड़ प्रदर्शन करते हुए 11 टेस्ट मैचों में 1140 रन बनाये है। यह भी संयोग है कि भारतीय पिचों पर 13 मुकाबलों में उन्होंने 1316 रन बनाये हैं। हालांकि विदेशी पिचों पर उनका बल्ला खामोशी की चादर ओढ़ा रहता है। पुजारा ने साल 2010 में कंगारुओं के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी। पुजारा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियार्ई की तेज पिचों पर उतने कामयाब नहीं हुए है जितना उनकों होना चाहिए था। इंग्लैंड और ऑस्टे्लियार्ई धरती पर पुजारा ने केवल 423 रन ही बना सके हैं।

हालांकि दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर पुजारा का बल्ला कुछ मौकों पर चलता जरूर रहा है। पुजारा विदेशी पिचों पर पहला शतक दक्षिण अफ्रीका में लगाया था। क्रिकेट के जानकारों की माने तो पुजारा बतौर बल्लेबाज दक्षिण अफ्रीका में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं कि क्योंकि वह पहले से बेहतर तैयारी करके जा रहे हैं। पुजारा के आलावा रहाणे से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। हालांकि श्रीलंका के खिलाफ उनका बल्ला उम्मीद के मुताबिक नहीं बोला है लेकिन तेज पिचों पर उनके बल्ले के ताकत देखने लायक होती है। रहाणे ने विदेशी पिचों पर शानदार प्रदर्शन किया है। आंकड़े भी इस बात के गवाह है कि रहाणे भारतीय पिचों की तुलना में विदेशी जमीन पर खेलना पसंद करते हैं। रहाणे ने विदेशों में 21 टेस्अ मैचों में 1588 रन बनाये हैं। बता दें कि राहुल द्रविड़ भी विदेशी पिचों पर रन बनाने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने साल 2014 में ऑस्ट्रेलियाई दौरों पर मेलबर्न टेस्ट में शतक लगाया था।

इतना ही नहीं न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसी पिचों पर शतक लगा चुके हैं। वेस्टइंडीज की पिचों पर उनका बल्ला रनों का अम्बार लगा चुका हैं। ऐसे में वह दक्षिण अफ्रीका में सफल बल्लेबाज के रूप में हो सकते हैं। इसके आलावा विराट कोहली के बारे में किसी को भी कोई शक नहीं है क्योंकि मैदान चाहे जहां का हो कोहली पर इसका ज्यादा असन नहीं होता है। वहीं रोहित शर्मा, शिखर धवन और मुरली विजय की भी असली परीक्षा दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिलेगी। भारतीय टीम को अगर वहां पर शानदार प्रदर्शन करना है तो टॉप ऑर्डर को रन बनाना जरूरी होगा।

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