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बसपा से आधी सीटों पर क्यों माने अखिलेश, खत्म हो जाएगी पार्टी : मुलायम सिंह यादव

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने हमला बोला है और इस बात पर आपत्ति जाहिर की है। मुलायम ने कहा कि आखिर कैसे अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी के साथ ऐसे गठबंधन के लिए राजी हो गए जिसमें समाजवादी पार्टी के हिस्से में आधी सीटें आई हैं। मुलायम का ये बयान अखिलेश के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने फिर एक ऐसा बयान दिया है जो उनके बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए झटका साबित हो सकता है। मुलायम ने यूपी में सपा-बसपा गठबंधन पर हमला बोला है और इस बात पर आपत्ति जाहिर की है कि अखिलेश यादव इस गठबंधन में आधी सीटों पर राजी हो गए। मुलायम कुछ दिन पहले भी लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत और सत्ता में वापसी की कामना कर चुके हैं। मुलायम ने कहा कि आखिर कैसे अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी के साथ ऐसे गठबंधन के लिए राजी हो गए जिसमें समाजवादी पार्टी के हिस्से में आधी सीटें आई हैं। मुलायम ने तो ये तक कहा कि पार्टी के लोग ही पार्टी को खत्म करने में जुटे हैं।महिलाओं को पार्टी में तरजीह नहीं मिल रही. हमने इतनी बड़ी पार्टी बनाई, लेकिन पार्टी को अब कमजोर किया जा रहा है। मुलायम ने कहा कि सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 25-26 सीटें ही जीत सकते हैं।

मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘मैंने अखिलेश से कहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दो जिससे को तैयारी कर सकें, बीजेपी तैयारियों के मामले में हमसे आगे निकल गई है। हमने 14 महीने पहले उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिया था और बड़ी जीत मिली थी। लेकिन अखिलेश अभी तक टिकट ही नहीं तय कर पाए।’ उन्होंने कहा कि कि जीतने वाले नेताओं को टिकट दो, शिवपाल को भी लोग नाम दे रहे हैं। टिकट देने भले ही अखिलेश के हाथ में तो हटाना मेरे हाथ में है। गौरतलब है कि कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया है। इस गठबंधन के तहत अखिलेश यादव और मायावती कुल 80 सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए हैं। यूपी की राजनीति के इन दो धुर विरोधियों का एक साथ आना प्रदेश की राजनीति के पुरोधा मुलायम को रास नहीं आ रहा है।

ये पहली बार है जब मुलायम सिंह यादव ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मुलायम को आपत्ति इस बात पर है कि उनके बेटे अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले ही आधी से ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी आखिर कैसे छोड़ दी, यूपी से इस समय सपा के सात सांसद हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। मुलायम ने सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल उठाकर एक तरह से अपने छोटे भाई और अखिलेश के विरोधी शिवपाल यादव के सुर में सुर मिलाया है जिन्होंने अलग पार्टी बनाकर सपा के खिलाफ बिगुल फूंका हुआ है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जब अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था तब भी मुलायम सिंह ने सवाल एतराज जाहिर किया था। इतना ही नहीं वो शिवपाल यादव और पारसनाथ यादव की सीट को छोड़कर किसी भी अन्य सीट पर प्रचार करने नहीं गए थे।

वैसे ये पहला मौका नहीं है जब मुलायम ने अखिलेश यादव को अपने बयान से असहज किया है। इससे पहले 16वीं लोकसभा के आखिरी दिन मुलायम ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ मिलजुलकर काम किया है, सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री मोदी को हमारी बधाई और हमारी कामना है कि वह फिर से चुनकर आएं और प्रधानमंत्री बनें। मुलायम के इस बयान को बीजेपी ले उड़ी और लगातार अखिलेश पर हमला करने के लिए इसका इस्तेमाल भी कर रही है। ऐसे में मुलायम का नया बयान अखिलेश यादव की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।

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