अन्तर्राष्ट्रीय

‘बिन अक्षर सब सून’, विश्व साक्षरता दिवस आज

नई दिल्ली : ”बिन अक्षर सब सून’, इसी के मद्देनजर विश्व साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत हुई है। हर साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है क्योंकि विश्व की आधे से ज्यादा समस्याओं की जड़ अशिक्षा है इसलिए ही 1966 में यूनेस्को ने शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा विश्व भर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिवर्ष 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया था। भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर 84 फीसदी से कम है लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने, उन्हें शिक्षा का महत्व बताने के लिए ही इस दिन को मनाया जाता है, भारत में सर्व शिक्षा अभियान भी इसी दिशा में उठाया गया एक सार्थक कदम है। भारत में साक्षरता दर 75.06 है (2011), जो की 1947 में मात्र 18 प्रतिशत थी। भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर 84 फीसदी से कम है। भारत में साक्षरता के मामले में पुरुष और महिलाओं में काफ़ी अंतर है जहा पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 है वहीं महिलाओं में इसका प्रतिशत केवल 65.46 है। महिलाओं में कम साक्षरता का कारण अधिक आबादी और परिवार नियोजन की जानकारी कमी है, जो भारत के लिए बड़ी समस्या भी है और इसे ठीक करना एक चुनौती भी है। हालांकि इसमें सुधार तेजी से जारी है लेकिन अभी भी हम और देशों के मुकाबले काफी पीछे चल रहे हैं। हमारे देश में 6-14 साल के आयु वर्ग के प्रत्येक बालक और बालिका को स्कूल में मुफ़्त शिक्षा का अधिकार है।

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