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बीटीसी प्रमाण-पत्र फर्जी पाये जाने पर सहायक अध्यापिका पद की नियुक्ति निरस्त

लखनऊ : सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत मुरादाबाद निवासिनी जैनब जुहा ने दिनांक 20.12.2016 को जनसूचना अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुजफ्फरनगर को आवेदन-पत्र देकर अपने संलग्न प्रार्थना-पत्र दिनांक 14.12.2016 पर की गयी कार्यवाही के विषय में पूछा था जिसमें उन्होंने बताया था कि प्रवेश कुमारी अध्यापिका प्रा.वि. तुगलकपुर-2, विकास क्षेत्र पुरकाजी के बीटीसी प्रमाण-पत्र फर्जी होने की जांच कराये जाने को कहा था। इतना ही नहीं यदि खण्ड शिक्षा अधिकारी पुरकाजी प्रवेश कुमारी द्वारा विभाग में योजित बीटीसी अंकपत्र का अवलोकन कर लेते, तो उनके संज्ञान में अच्छी तरह आ जायेगा कि अंकपत्र में दिये प्राप्तांक में प्रशिक्षण विज्ञान (सें.) में प्राप्तांक 260 की जगह 262 दर्शाये गये हैं, इसी प्रकार विषय वस्तु पूरक शिक्षण विधियों में प्राप्तांक 441 होना चाहिए था, परन्तु 440 दर्शाया गया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रवेश कुमार के बीटीसी प्रमाण-पत्र पूर्णतया फर्जी है, और खण्ड शिक्षा अधिकारी पुरकाजी फर्जीवाड़े पर तनिक मात्र भी गम्भीर नहीं है, और अपने उच्च अधिकारी के आदेश की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए, वादिनी ने बीएसए से इसकी शिकायत कर प्रकरण में कार्यावाही के लिए अनुरोध किया गया था, परन्तु बीएसए द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने पर वादिनी ने आरटीआई के तहत प्रार्थना-पत्र दिनांक 20.12.2016 देकर अपने आवेदन पर हुई कार्यवाही के सम्बन्ध में लिखा और समस्त कार्यवाही की प्रमाणित छायाप्रतियां भी मांगी, परन्तु अधिकारी द्वारा प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की गयी और वादिनी की सूचनाएं भी उपलब्ध नहीं करायी गयी, अधिनियम के तहत सूचनाएं न मिलने पर वादिनी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर समस्त बिन्दुओं की जानकारी चाही थी।
राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जनसूचना अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुजफ्फरनगर को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादिनी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादिनी को उपलब्ध कराते हुए, आयोग को अवगत कराये, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादिनी को सूचनाएं क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुजफ्फरनगर से दिनेश कुमार उपस्थित हुए, उनके द्वारा बताया गया है कि प्रवेश कुमारी पुत्री श्री मेघराम सिंह निवासी ग्राम धारूपुर जिला बिजनौर की नियुक्ति परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर की गयी थी। प्रवेश कुमारी का बीटीसी प्रमाण-पत्र फर्जी, कूटरचित है, जिसकी जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी, पुरकाजी ने अपने पत्र द्वारा सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र, इलाहाबाद द्वारा करायी गयी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा स्पष्ट किया गया है कि कार्यालय अभिलेखानुसार बीटीसी परीक्षा वर्ष-1997 में अनुक्रमांक 500 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कांठ, मुरादाबाद से कु. प्रवेश कुमारी ने संस्थागत परीक्षार्थिनी के रूप में सम्मिलित होकर उत्तीर्ण किया गया, प्रमाण-पत्र इस कार्यालय द्वारा निर्गत नहीं किया गया है। स.अ. के पद पर नियुक्ति के समय प्रस्तुत किये गये बीटीसी प्रमाण-पत्र फर्जी पाये जाने एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी, पुरकाजी की संस्तुति के आधार पर प्रवेश कुमारी स.अ. प्रा. वि. तुगलकपुर की नियुक्ति, नियुक्ति तिथि से निरस्त करते हुए, सेवा समाप्त की जाती है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी।

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