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बड़ा खुलासा: आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा पाकिस्तान

आतंकवाद को लेकर एक बार फिर से अमेरिका ने पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। अपनी वार्षिक रिपोर्ट कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2017 में अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान अभी भी आतंकवादी संगठनों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। अमेरिका ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की। यह संगठन भारत पर हमले करते रहते हैं।बड़ा खुलासा: आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा पाकिस्तान

अपनी रिपोर्ट में अमेरिका ने इस बात का जिक्र किया है कि पाकिस्तान ने लश्कर के मुखिया और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को जनवरी 2017 में हिरासत लिया था। मगर अदालत के आदेश के बाद उसे नवंबर 2017 में रिहा कर दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार लश्कर और जैश को खुलेआम फंड इकट्ठा करने, भर्तियां करने और ट्रेनिंग शिविर चलाने से रोकने में असफल रही। हालांकि लश्कर से जुड़े एक राजनीतिक दल का पंजीकरण करने से मना जरूर किया था।

रिपोर्ट के अनुसार इस्लामिक स्टेट खुरासन ने पिछले साल पाकिस्तान में 43 आतंकी हमले किए। इनमें से कुछ हमलों को दूसरे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर अंजाम दिया गया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान की जमीन पर आतंकी संगठन अपनी कारगुजारियों के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। जिसमें स्टेशनरी एंड वीक बोर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (VBIEDs), आत्मघाती हमले, लोगों की हत्याएं, व्यक्तियों, स्कूलों, बाजारों, सरकारी संस्थानों और इबादतगाहों पर रॉकेट ग्रेनेड जैसे हमले शामिल हैं।

रिपोर्ट में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि पाकिस्तान की सेना और ज्यादा ताकतवर हो गई है। सरकार ने नागरिकों पर आतंकवाद के मामले चलाने के लिए सैन्य अदालतों को मिले अधिकारों को 2 साल के लिए बढ़ा दिया है। आलोचकों का तर्क है कि सैन्य अदालतें पारदर्शी नहीं हैं और इनका उपयोग नागरिक समाज को शांत कराने के लिए किया जा रहा है।

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