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बड़ी खबर: अमेरिका में आर्थिक संकट से शटडाउन हुई ट्रंप सरकार

अमेरिकी राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप को रविवार के दिन एक साल पूरा हो जाएगा। इसके ठीक एक दिन पहले अमेरिका में एक गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। यहां ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की पहली वर्षगांठ पर अमेरिका में शटडाउन की नौबत आ गई है, क्योंकि सरकारी खर्चों को लेकर अहम आर्थिक विधेयक पर ट्रंप प्रशासन संसद की मंजूरी नहीं मिल सकी है।

बड़ी खबर: अमेरिका में आर्थिक संकट से शटडाउन हुई ट्रंप सरकारराजनीतिक खतरे के बीच विपक्षी डेमोक्रेट सांसदों ने उल्लेखनीय एकजुटता दिखाते हुए संघीय सरकार के संचालन संबंधी खर्च के उपायों पर रोक लगा दी है।

यह शटडाउन राष्ट्रपति ट्रंप और न्यूयॉर्क के डेमोक्रेट सीनेटर चक शूमर के बीच व्हाइट हाउस में अंतिम मिनट पर होने वाली बातचीत के बाद आया। अमेरिकी सीनेट के फैसले से ट्रंप प्रशासन को गहरा धक्का लगा है, क्योंकि अब देश में सरकारी कामकाज ठप हो जाएंगे और कई विभागों में कामकाज रुक जाएगा। साथ ही लाखों कर्मचारियों को बिना वेतन के घर बैठना पड़ जाएगा। 

शुक्रवार देर रात अमेरिकी संसद में रिपब्लिकनों द्वारा पेश किए गए बजट प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन से अधिक वोट मिले, जो पर्याप्त नहीं थे। इस विधेयक को पारित करने के लिए कम से  कम 60 सीनेटरों के समर्थन की जरूरत होती है, लेकिन इसके पक्ष में 50 वोट ही पड़ सके जबकि इसके खिलाफ 48 वोट पड़े।

ट्रंप ने इस शटडाउन के लिए डेमोक्रेटों को दोषी ठहराया है। उन्होंने राष्ट्रपति पद संभालने की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अब तक की सबसे अच्छी स्थिति में है और देश बेहतरीन काम कर रहा है। 

दरअसल, अमेरिका में एंटी डेफिशिएंसी एक्ट लागू है, जिसमें फंड की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। दूसरी तरफ, सरकार इस फंड की कमी को पूरा करने के लिए एक स्टॉप गैप समझौता विधेयक लाती है जिसे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पारित कराना पड़ता है। यह बिल प्रतिनिधि सभा ने तो पारित कर दिया लेकिन सीनेट में अटक गया।

अमेरिका में पहले भी आ चुकी है शटडाउन की नौबत

अमेरिकी इतिहास में यह पहला मौका नहीं है, जब सरकार को शटडाउन से जूझना पड़ा हो। इससे पहले अक्तूबर 2013 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान भी दो सप्ताह तक संघीय एजेंसियों को बंद करना पड़ा था।

इसके चलते करीब आठ लाख कर्मचारियों को बिना वेतन के घर बैठना पड़ा। हाल ही में हुए इन ताजा शटडाउन के अलावा अमेरिका में 1981, 1984, 1990 और 1995-96 के दौरान भी शटडाउन की नौबत आ चुकी है। 

अमेरिका में शटडाउन के मायने और ट्रंप पर सवाल

अमेरिका में लागू एक विशेष कानूनी प्रावधानों के तहत पैसे की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है और उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाता है।

इस दौरान उन्हें तनख्वाह भी नहीं दी जाती है। इसी व्यवस्था को सरकारी भाषा में शटडाउन कहते हैं। अमेरिकी डेमोक्रेट सीनेटरों ने यही सवाल उठाया है कि आखिर जब ट्रंप कह रहे हैं कि अमेरिका में सब कुछ बहुत अच्छा है तो एंटी डेफिशिएंसी एक्ट के तहत उसके पास पैसों की कमी कैसे पैदा हुई।

शटडाउन का अमेरिका में क्‍या होगा असर

1. व्हाइट हाउस में मौजूद 1,715 लोगों के स्टाफ में अब शटडाउन के बाद कर्मचारियों की संख्या 1000 के आसपास रह जाएगी।

2. न्याय मंत्रालय में इस आर्थिक संकट के बाद 1 लाख 15 हजार के स्टाफ के बजाय सिर्फ 95 हजार लोगों से ही काम चलाया जाएगा।

3. बिल पास न होने पर यूएस बाजार नीति सुरक्षा व एक्सचेंज कमीशन स्टाफ के एक हिस्से को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जाएगा।

4. स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा भुगतान सेवाओं पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। इसका असर पेंशनरों व मेडिकल सुविधाओं पर पड़ेगा।

5. इस शटडाउन का असर रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली आवश्यक सेवाओं पर भी पड़ेगा जिनमें पेट्रोल व ग्रोसरी आदि शामिल होते हैं।

 
 

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