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बड़ी खबर: ट्रिपल तलाक खत्म करने के लिए बनेगा नया कानून
तीन तलाक के खिलाफ मोदी सरकार आगामी शीत सत्र में कानून ला सकती है। तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए मंत्रियों की एक समिति का गठन किया गया है और सरकार आगामी सत्र में इस कानून को लाने का प्रस्ताव दे सकती है।
तीन तलाक की सुनवाई करते हुए अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ के तीन जजों ने इसे असंवैधानिक बताया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा था कि इस मुद्दे पर संसद और केंद्र सरकार सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है और उन्हें इस पर कानून बनाना चाहिए।
पूर्व चीफ जस्टिस ने ये भी कहा था कि सरकार को कानून बनाकर इस पर एक स्पष्ट दिशा निर्देश तय करने चाहिए। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने इसके लिए केंद्र सरकार को छह महीने का समय भी दिया था। खेहर ने कहा था कि छह महीने तक के लिए कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए तीन तलाक पर तत्काल रोक लगाती है। इस अवधि में देशभर में कहीं भी तीन तलाक मान्य नहीं होगा।
तीन जजों की बेंच जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस फली नरीमन, जस्टिस जोसेफ कुरियन ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए कहा था कि इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है।