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बड़ी खबर: नक्सली हमले में सीआरपीएफ जवान शहीद, दो घायल

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में अर्धसैनिक बलों और महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त टीम पर नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दीं, जिसमें सीआरपीएफ के एक कॉन्स्टेबल की मौत हो गई और उनके दो सहकर्मी घायल हो गए. तलवारगढ़ क्षेत्र में रविवार शाम करीब 7.50 बजे यह हमला हुआ है.

इस हमले में कर्नाटक के धारवाड़ निवासी कॉन्स्टेबल मंजूनाथ जाक्कनवार (31) शहीद हो गए. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उप महानिरीक्षक एम दिनाकरन ने बताया कि सीआरपीएफ के दो घायल जवानों को मृतक सिपाही के पार्थिव शरीर के साथ हेलीकॉप्टर से लाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इलाके में तलाशी अभियान के दौरान नक्सलियों ने 113 सीआरपीएफ बटालियन और पुलिस की संयुक्त टीम पर हमला किया. कॉन्स्टेबल मंजूनाथ नक्सलियों द्वारा किए गए दूसरे हमले में मारे गए. पहले शाम 5.40 बजे हमले का प्रयास किया गया, लेकिन जवानों की त्वरित प्रतिक्रिया से टल गया.

उस वक्त वहां से नक्सली भाग निकले. कुछ देर बाद बड़ी संख्या में करीब 7.50 बजे लौट आए. उन्होंने सैनिकों पर गोलीबारी कर दी. सुरक्षा बलों ने जवाब दिया लेकिन इस दौरान एक कॉन्स्टेबल शहीद हो गया. इस हमले में दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. उनका इलाज कराया जा रहा है.

बताते चलें कि इस साल देश में 700 से अधिक नक्सली हमलों के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से 35 हथियार लूटे गए. साल 2012 के बाद एक साल के भीतर हथियारों की यह सबसे बड़ी लूट है. 21 हथियारों को नक्सलियों ने 24 अप्रैल को लूटा, जब उन्होंने छत्तीसगढ़ के सुकमा में भीषण हमले को अंजाम दिया था.

सुकमा हमला साल 2010 के बाद अब तक का सबसे भीषण नक्सली हमला था, जिसमें सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए. उस दिन जवानों से 21 हथियार, पांच वायरलेस सेट, दो दूरबीन, 22 बुलेटप्रूफ जैकेट और एक माइन डिटेक्टर लूटे गए. 3000 जिंदा कारतूस, 70 मैग्जीन और 67 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर भी लूट लिए गए.

छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 106 जिलों में जनवरी 2012 और इस साल 24 अप्रैल के बीच 10400 नक्सली वारदातों के दौरान नक्सलियों द्वारा कुल 83 हथियार और 6683 जिंदा कारतूस लूटे गए. साल 2016 में नक्सली हिंसा की 3103 घटनाएं घटी थीं.

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