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भारतीय उद्योग जगत के 20 प्रतिशत कर्मचारी डिप्रेशन के शिकार


नई दिल्ली : एंप्लॉयीज पर कामकाज को लेकर होने वाला डिप्रेशन भारी पड़ रहा है। हर पांच में एक एंप्लॉयी यानी 20 प्रतिशत लोग इससे जूझ रहे हैं। यह खुलासा एचआर टेक स्टार्टअप हश के सर्वे में हुआ है। फोर्टिस हेल्थकेयर में आ रहे वर्किंग एज ग्रुप वाले 40 प्रतिशत पेशेंट की समस्या कामकाजी तनाव और अवसाद से जुड़ी होती है। फोर्टिस हेल्थकेयर में मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर समीर पारिख कहते हैं, कॉरपोरेट सेक्टर के पेशेंट्स की संख्या बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह वर्कप्लेस और पर्सनल सर्किल में सपोर्ट सिस्टम की कमी है। अर्चना बिष्ट कहती हैं, अवसाद उदासी से बड़ी चीज है, यह मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार है। इधर डिप्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डिप्रेशन टेस्ट में 9,622 लोग शामिल हुए थे, उनमें से 56 प्रतिशत के डिप्रेस्ड होने संकेत मिले थे। एंप्लॉयीज के डिप्रेशन का शिकार होने की कई वजहें हैं, जिनमें से एक वर्क और पर्सनल लाइफ के बीच की लकीर के मिटने से लेकर पसंदीदा जॉब रोल को लेकर असंतोष की स्थिति है। वर्कप्लेस इश्यूज से निपटने वाला सपोर्ट सिस्टम न होना भी इसकी बड़ी वजह है।

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