अन्तर्राष्ट्रीय

भारत की पाक को सलाह- आतंक का रास्ता छोड़ अपने देशवासियों का भला सोचे

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में गुरुवार को पाकिस्तान को ‘विफल राष्ट्र’ बताते हुए कड़े शब्दों में उसे आतंकियों का समर्थन बंद करने को कहा है। जेनेवा में हुए परिषद के 43वें सत्र में पाकिस्तान ने भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम और कश्मीर के मुद्दे को उठाया था। इसका जवाब देते हुए भारत के प्रतिनिधि ने उसे उसके नागरिकों के कल्याण पर ध्यान देने और अत्याचार का शिकार हो रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों को बचाने की सलाह दी।

भारत ने कहा, एक विफल राष्ट्र में बर्बाद हो चुके शासन की वजह से पाकिस्तान के अल्पसंख्यक पीड़ा भोग रहे हैं। भारत ने पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से बताया कि हाल ही में वहां अल्पसंख्यक हिंदू और सिख समुदाय की लड़कियों को अगवा करने, जबरन धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम समुदाय के पुरुषों से उनका निकाह करवाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा, पाकिस्तान में आजादी के बाद अल्पसंख्यकों की संख्या लगातार घटी। ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पख्तून, सिंधी, बलूच आदि समुदायों को ईश-निंदा कानून के जरिए खत्म किया जा रहा है।

कश्मीर में सामान्य हो रहे हालात
भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, एक देश कश्मीर में लोगों को भड़काने और सामान्य होते हालात बिगाड़ने के काफी प्रयास कर रहा है। आतंकी और उनसे जुडे़ समूहों को खुला समर्थन दे रहा है। भारत के सुरक्षाबलों ने बेहद संयम रखा है।

एक भी गोली नहीं चली, न किसी नागरिक की जान पुलिस कार्रवाई में गई। आर्यन ने कहा, भारत अपने नागरिकों को पाकिस्तान की कुटिल साजिश से बचाने के लिए अभी और सुधार करेगा। कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा, पाकिस्तान उसे देख ललचाना छोड़ दे।

पाकिस्तान सरकार आतंकियों के साथ काम करती है
भारत ने पाकिस्तान को ‘आतंक का खतरनाक पालना’ बताया और कहा कि हम सीमापार से भेजे गए आतंकियाें के सबसे बड़े पीड़ित हैं। पाकिस्तान ऐसा देश है, जहां के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों ने खुलकर माना कि उनकी सरकार और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठनों के संबंध रहे हैं।

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