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भारत के विश्वकप जीतने के बाद से आज तक पूरी तरह बदल गया क्रिकेट का गेम

इस बात से तो आप सभी भलीभांति अवगत ही होगें कि क्रिकेट पिछले कई दशको से खेला जा रहा है। इस क्रिकेट खेल में समय समय पर कई महत्‍वपूर्ण बदलाव किये गये है। जिनसे संबंधित कुछ तस्‍वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। आज हम इसी संबंध में कुछ खास जानकारी देने वाले है। जिसके संबंध में जानकर आप भी सोच में पड़ जायेगें।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि आज के समय में अन्‍य खेलों की अपेक्षा क्रिकेट को सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल हुई है। आपको बता दें कि आज हम 1983 से 2018 के मध्‍य हुये बदलावों के संबंध में बात करने वाले है जिसके अनुसार अब इस खेल में बहुत से बदलाय लाये गये है, जिनके संबंध में आप लोगों शायद ही पता होगा। जिन परिवर्तनों के संबंध में आज हम बात कर रहे है वो कुछ इस प्रकार से है….

पहला : पहले के मैच में सभी टीम सफ़ेद ड्रेस में खेलती थी किसी भी टीम के पास कोई निजी ड्रेस नहीं हुआ करती थी, पर समय के साथ इसमें परिवर्तन किया गया और क्रिकेट बोर्ड ने टीम के लिए खुद की एक ड्रेस चुनने का नियम बना दिया, भारत पहली बार 1992 में नीले कलर की जर्सी में क्रिकेट खेलने मैदान पर उतरी थी।

दूसरा : आज के दौर में जहां वल्लेबाज 200 रन बना लेते है और टीम 400 रन का आंकड़ा तक छूने में सफल रही है, वहीं 1983 तक वनडे मैच में इतना बड़ा स्कोर बना पाना बहुत मुश्किल होता था, 1983 वर्ल्डकप में भारत ने 60 ओवर में महज 183 रन बनाकर फाइनल मुकाबला 43 रन से जीत लिया था।

तीसरा : 1983 विश्‍वकप का आयोजन इंग्लैंड में 9 जून से 25 जून तक किया गया था जिसमे 8 टीमों ने भाग लिया था, भारत ने वेस्ट इंडीज को हराकर अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था, उस समय मैच 60 ओवर का हुआ करते थे, और वर्तमान में वनडे क्रिकेट की बात की जाए तो यह 50 ओवर और 20 ओवर का ही खेला जाता है।

चौथा : समय के साथ क्रिकेट में फ्री हिट और रिव्यु जैसे नियम भी जोड़े गए, पहले इस प्रकार के नियम प्रचलित नहीं थे।

पांचवा : 1983 के सभी मैच का आयोजन दिन में ही किया गया था, भारत ने अपना पहला डेनाईट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 28 सितम्बर 1984 में सिडनी में खेला था, इसके बाद तो मानो डेनाईट मैच का ही दौर आ गया और 2011 और 2015 वर्ल्डकप के सारे मैच डेनाईट ही खेले गए थे।

छठा : 1983 वर्ल्डकप में सभी मैच लाल गेंद से खेले जाते थे जो कि बहुत वजनदार हुआ करती थी पहले ग्राउंड आज की अपेछा बड़े हुआ करते थे,वर्तमान में मैच खेलने के लिए सफ़ेद गेंद का उपयोग किया जाता है जो वजन में हल्की होती है और क्रिकेट ग्राउंड भी छोटे होते हैं।

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