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भारत ने ओपेक देशों को दी बड़ी चेतावनी, कच्चे तेल की कीमतें कम कीजिए, या अंजाम भुगतने के लिए हो जाएँ तैयार

भारत ने तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक को चेतावनी दी है। भारत की इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने चेतावनी दी है कि वह कच्चे तेल की कीमतों में कमी करें या फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। भारत ने यह भी कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमतों में कमी नहीं की गई तो अगले सात साल में तेल की मांग में भारी कमी का सामना करना पड़ेगा।
आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि ‘बीते कुछ महीनों से तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है अगर यह आगे भी इस तरही जारी रहती है तो भारतीय उपभोक्ता यातायात के अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे। जिनमें इलेक्ट्रिक बाइक, कार और गैस से संचालित होने वाले वाहन शामिल हैं।’

संजीव सिंह ने आगे कहा ‘भारत जैसे देश में कीमतों पर हमेशा से ध्यान दिया जाता रहा है, ऐसे में अगर कीमतें लगातार बढ़ेंगी तो यह आने वाले कुछ साल में तेल की मांग पर निश्चित तौर पर प्रभाव डालेगा।’

बीते कई दिनों में तेल की कीमतों में पांच फीसदी का इजाफा हुआ है। तेल की कीमत बढ़ाने वाले कुछ प्रमख कारण तीन देशों- लीबिया, कनाडा और वेनेजुएला में आई गिरावट है। बता दें कि ओपेक के कुछ भी निर्णय लेने से बाजार में बेचे जाने वाले तेल की कीमत को प्रभावित किया जा सकता है।
तेल की कीमतों में क्यों जारी है उछाल?

बीते दिनों वियना में हुई बैठक में प्रमुख तेल उत्पादकों ने कहा था कि तेल का उत्पादन बढ़ाकर कीमतों पर काबू करेंगे, तो फिर तेल की कीमत में उछाल क्यों जारी है?

पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन के अधिकारियों और रूस जैसे अन्य प्रमुख तेल उत्पादकों ने पिछले वर्ष वैश्विक तेल आपूर्ति के करीब एक फीसदी तक उत्पादन में वृद्धि की प्रतिबद्धता जताई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर और जोर डाला और तेल की कीमत कम करने का आह्वान किया है। फिर भी कीमतें ऊंचाई पर बनी हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत इस वर्ष अब तक बीस फीसदी से ज्यादा बढ़ी है और प्रति बैरल कीमत 78 डॉलर है।

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