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मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार की कमान खुद मायावती ने अपने हाथ ले ली

मध्य प्रदेश में पिछली बार बीएसपी ने चार सीटें जीती थीं। इस बार भी चुनाव प्रचार की कमान खुद मायावती ने अपने हाथ ले ली है और लगातार रैलियां कर रही हैं। मायावती खुद छत्तीसगढ़ में छह रैलियां कर चुकी हैं और मध्य प्रदेश में आठ रैलियां की हैं।

लखनऊ: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला भले ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच हो लेकिन बीएसपी तीसरी ताकत बनने की उम्मीद से मैदान में है। कर्नाटक में एक सीट जीतकर सरकार में शामिल होने के बाद से बीएसपी का हौसला और बढ़ गया है। यही वजह है कि पार्टी ने इन राज्यों में पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार की कमान खुद मायावती ने अपने हाथ ले ली है और लगातार रैलियां कर रही हैं। पार्टी का मानना है कि कुछ सीटें जीतकर कांग्रेस और बीजेपी को अकेले सत्ता में आने से रोक दें तो यह उसकी बड़ी सफलता होगी।

कर्नाटक की तर्ज पर जोगी से गठबंधन

कर्नाटक में बीएसपी ने जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। वहां बीजेपी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी और कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी लेकिन बहुमत किसी के पास नहीं था। ऐसे में कांग्रेस ने जेडीएस का मुख्यमंत्री बनवाकर मिलीजुली सरकार बनवा दी। उसमें बीएसपी के एक मात्र विधायक को भी मंत्री बनाया गया। उसे ही ध्यान में रखते हुए मायावती ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी से अलग हटकर अजित जोगी की पार्टी जनता छत्तीसगढ़ के साथ गठबंधन किया है। वहां पिछले चुनाव में बीजेपी के पास 49 और कांग्रेस के पास 39 सीटें थीं। बीएसपी की कोशिश है कि बीजेपी की कुछ सीटें भी कम होती हैं और उनका गठबंधन कुछ सीटें ले आता है तो कर्नाटक जैसी स्थिति बन सकती है।

एमपी में पिछली बार थीं चार सीटें

मध्य प्रदेश में कई साल से बीजेपी सरकार है। कांग्रेस पिछली बार दूसरे नंबर की पार्टी थी। बीएसपी ने 4 सीटें जीती थीं। बीएसपी को उम्मीद है कि इस बार बीजेपी और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला हो सकता है। ऐसे में बीएसपी कुछ सीट बढ़ाने में कामयाब हो गई तो यहां भी सरकार बनने में पेंच फंस सकता है। ऐसे में बीएसपी के समर्थन की जरूरत पड़ सकती है। मायावती खुद छत्तीसगढ़ में छह रैलियां कर चुकी हैं और मध्य प्रदेश में आठ रैलियां की हैं। राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर मध्य प्रदेश के प्रभारी हैं। वह कई महीने पहले से वहीं डटे हैं। इसके अलावा अन्य कार्यकर्ता और नेता भी वहां घर-घर प्रचार कर रहे हैं। खासतौर से सीमावर्ती जिलों में यहां के कार्यकर्ता मध्य प्रदेश के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रचार कर रहे हैं।

अब राजस्थान में रैलियां

बीएसपी प्रमुख मायावती अब राजस्थान में सभाएं करेंगी। वहां बीएसपी 200 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। हालांकि यहां उनकी सभाओं का कार्यक्रम अभी जारी नहीं किया गया है।

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