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महिलाओं में ऑर्गैज्म को बेहतर बना सकता है गांजा!

जीवनशैली : एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि अमेरिका में एक तिहाई महिलाओं ने सेक्स से पहले गांजा इस्तेमाल करने की बात कही और जिन लोगों ने गांजे का इस्तेमाल किया उनका कहना था कि गांजे का सेवन करने के बाद उन्हें बेहतर ऑर्गैज्म महसूस हुआ और सेक्स के प्रति उनकी इच्छा और बढ़ गई। सेक्शुअल मेडिसिन नाम की जर्नल में इस स्टडी को प्रकाशित किया गया है। स्टडी में यह बात पता चली कि जिन महिलाओं ने सेक्स से पहले मारिजुआना यानी गांजे का इस्तेमाल किया था उन्हें दोगुना ऑर्गैज्म महसूस हुआ उन महिलाओं की तुलना में जिन्होंने गांजा यूज नहीं किया था। स्टडी में शामिल अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि अमेरिका में वयस्कों के बीच गांजे का इस्तेमाल बढ़ा है क्योंकि अमेरिका के कई राज्यों ने कानून पारित कर गांजे को मेडिकल यूज के साथ-साथ मौज-मस्ती के इस्तेमाल के लिए भी यूज करने की इजाजत दे रखी है। इस स्टडी के लिए अमेरिका के सेंट लूईस स्थित अकैडमिक मेडिकल सेंटर के ऑब्स्टेट्रिक्स और गाइनैकॉलजी विभाग में 373 फीमेल पेशंट्स पर सर्वे किया गया। सर्वे में शामिल 127 महिलाएं यानी करीब 34 प्रतिशत ने सेक्शुअल ऐक्टिविटी में शामिल होने से पहले गांजा यूज करने की बात को स्वीकार किया। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि गांजे का किसी व्यक्ति के सेक्शुअल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है इस बारे में रिसर्च की भारी कमी है। दरअसल, गांजा ब्रेन में मौजूद कैनाबिनॉयड रिसेप्टर पर काम करता है जो सेक्शुअल फंक्शन में शामिल होता है। कई बार सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म हासिल नहीं हो पाता और आपको उतनी खुशी और संतुष्टि नहीं मिलती जितनी मास्टरबेशन के दौरान मिलती है। लेकिन अगर आपको ऑर्गैज्म हासिल करने में मुश्किल आती है तो बहुत से फैक्टर्स हैं जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। जहां तक बात ऑर्गैज्म की आती है तो इसमें टेंपरेचर यानी तापमान की अहम भूमिका होती है। कई स्टडीज में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर महिलाओं के पैर गर्म हों तो उनके लिए क्लाइमैक्स यानी ऑर्गैज्म हासिल करना आसान हो जाता है। ऐसे में आप चाहें तो अपने सबसे सॉफ्ट और वॉर्म मोजे निकालें और ऑर्गैज्म पाएं।

सेल्फ लविंग सेशन यानी मास्टरबेशन के दौरान ऑर्गैज्म हासिल करने के दौरान बार-बार और हर थोड़ी-थोड़ी देर में पेस और रिदम बदलने की बजाय, खुद को समझें और जिसमें आपको अच्छा महसूस हो रहा है उस ट्रिक पर फोकस करें। आप देखेंगी कि आप कितनी जल्दी क्लाइमैक्स तक पहुंच जाएंगी। कम से कम जब तक आप क्लाइमैक्स हासिल न कर लें तब तक अपने दिमाग को हर तरह के काम, ऑफिस पॉलिटिक्स, टेंशन, स्ट्रेस, बिल की टेंशन, दोस्त से झगड़ा इन सारी बातों से दूर रखें और सिर्फ इस बात पर फोकस करें कि जब आप खुद को छू रही हैं तो आपको कितना अच्छा महसूस हो रहा है। खुद को संतुष्ट करने के बाद आप एक बार फिर से हकीकत वाली दुनिया में वापस लौट सकती हैं। फोरप्ले को स्किप कर सीधे फिनिशिंग लाइन पर न पहुंच जाएं। फोरप्ले सिर्फ सेक्स के दौरान ही नहीं बल्कि सोलो प्ले यानी मास्टरबेशन के दौरान भी बेहद जरूरी है। फोरप्ले के दौरान अपने सेंसेज को इस तरह से उत्तेजित करें ताकि जब आप ऑर्गैज्म महसूस करें, उस वक्त आपको सबसे अच्छा लगे। इस स्टडी में खासतौर पर यह लिंक खोजने की कोशिश की गई कि आखिर गांजे का महिलाओं की सेक्स लाइफ में संतुष्टि, सेक्स ड्राईव, ऑर्गैज्म, लुब्रिकेशन और इंटरकोर्स के दौरान होने वाले दर्द से क्या संबंध है। स्टडी में शामिल 197 महिलाएं यानी करीब 52 प्रतिशत ने गांजे का बिलकुल इस्तेमाल नहीं किया था तो वहीं 49 महिलाओं यानी करीब 13 प्रतिशत ने गांजे के इस्तेमाल की बात को तो स्वीकार किया लेकिन सेक्स से पहले उसका इस्तेमाल नहीं किया। स्टडी में यह बात भी सामने आयी कि वैसे महिलाएं जिन्होंने सेक्स से पहले गांजे का इस्तेमाल किया उन्हें सेक्स के दौरान ज्यादा लुब्रिकेशन महसूस हुआ और इंटरकोर्स के दौरान कम दर्द हुआ उन महिलाओं की तुलना में जिन्होंने गांजे का इस्तेमाल बिलकुल नहीं किया। हालांकि इस स्टडी की अपनी लिमिटेशन्स है और महिलाओं की इतनी कम संख्या को देखकर यह तय नहीं किया जा सकता कि गांजे का सेक्शुअल हेल्थ पर क्या असर होगा।

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