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मानसून की धीमी चाल ने तोड़ा 12 साल का रिकॉर्ड, बारिश में 44 फीसदी की कमी

मानसून की धीमी चाल ने देश के कई हिस्सों में बारिश के इंतजार को और बढ़ा दिया है। आमतौर पर अभी तक देश के दो तिहाई हिस्सों में मानसून पहुंच जाता है लेकिन इस बार मानसून केवल 12 से 15 फीसदी हिस्से में ही पहुंच पाया है। मानसून की इस धीमी रफ्तार का कारण अरब सागर में उठने वाला चक्रवात वायु भी है। जिसने मानसूनी बादलों को आगे बढ़ने से रोका। पिछले 12 साल में यह पहली बार हुआ है जब मानसून इतनी धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

इस कारण सीजन में होने वाली बारिश में 44 फीसदी की कमी देखी गई है। अभी तक मानसून केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों तक ही पहुंच पाया है। इस कारण सूखे की समस्या का सामना कर रहे लोगों की चिंताए भी बढ़ गई है। पानी की कमी से जूझ रहे महाराष्ट्र में मानसून अपने तय समय से 15 दिन की देरी से 25 जून तक राज्य के अधिकतर हिस्सों में पहुंच जाएगा।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दिल्ली में मानसून इस महीने के अंत तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि एनसीआर में हो रही प्री-मानसूनी बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी दो-तीन दिनों में भी हल्की बारिश होने व तेज हवाएं चलने की संभावना है।

आईटी कंपनियों की गुहार- पानी नहीं पिला सकते, घर से ही काम करें
तमिलनाडु के कॉर्पोरेट जगत में भी जल संकट का असर दिखने लगा है। इस बीच, पानी की किल्लत से निपटने के लिए आईटी कंपनियों ने अनोखा तरीका खोज निकाला है। कई कंपनियों ने अपने कर्मियों से घर से ही काम करने को कहा है ताकि दफ्तर में पानी की खपत को कम किया जा सके। कंपनियों में केवल उन कर्मचारियों को दफ्तर बुलाया जा रहा है जिनके बिना काम किसी हालत में नहीं हो सकता।

हिमाचल में एक सप्ताह की देरी से पहुंचेगा मानसून
साल 2018 में 27 जून को और साल 2017 में पहली जुलाई को मानसून की प्रदेश में एंट्री हुई थी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। जुलाई के पहले हफ्ते में मानसून हिमाचल पहुंचने के आसार हैं।

उत्तराखंड में आज भी बारिश के आसार
उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में आज भी बारिश का अनुमान है। इसके अलावा अगले 24 घंटों के दौरान पहाड़ी इलाकों में ओले गिरने की संभावना है। कुछ मैदानी इलाकों में 70 किमी तक की गति से आंधी आ सकती है। वहीं आज सुबह से देहरादून व आसपास के इलाकों में बादल छाए रहे और मौसम सुहावना बना रहा। उधर, पहाड़ी इलाकों में भी कुछ ऐसा ही मौसम बना रहा।
यूपी में मानसून की देरी से खेती-किसानी चौपट होने के आसार

आधा जून बीत चुका है। अभी तक मानसून ने प्रदेश में दस्तक नहीं दी है। फिलहाल 15 दिनों तक अभी मानसून के आने की संभावना नहीं है। मौसम वैज्ञानिक अमर नाथ मिश्रा की मानें तो अब जुलाई के प्रथम सप्ताह में मानसून दस्तक दे सकता है। मानसून की देरी से किसानों के माथे पर बल पड़ता दिखाई दे रहा है। मौजूदा समय में जायद की फसल व जल्द शुरू होने वाली खरीफ की फसल पूरी तरह से प्रभावित होने के आसार हैं।

किसानों का मानना है कि प्री-मानसून बरसात न होने से दलहनी फसल बुरी तरह से प्रभावित रही है। धान की फसल पर मानसून से देर से आने का प्रभाव दिखाई देगा। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में मानसून आने का समय 16 से 20 जून है। लेकिन इस बार मानसून के काफी लेट होने की संभावना जताई जा रही है। अभी मानसून केरल से चलकर उड़ीसा तक ही पहुंच पाया है।

प्री-मानसून बारिश ने मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में दी गर्मी से राहत
पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के पश्चिमी और केंद्रीय हिस्सों में मानसून से पहले हुई हल्की बारिश ने लोगों को तपती गर्मी से राहत देने का काम किया। मौसम विभाग ने बताया कि राज्य में मानसून के अगले सप्ताह तक पहुंचने की संभावना है, लेकिन पिछले 24 घंटों में इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और अन्य क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई है।

राज्य में भारत मौसम विज्ञान (आईएमडी) केंद्र के अधिकारी ने कहा कि बारिश की वजह से राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। अधिकारी ने कहा, ‘अगले सप्ताह तक तापमान में और गिरावट आने की संभावना है।’ उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटों में राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने के आसार हैं।

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