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मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को टिकट न देने का अखिलेश ने किया खुलासा

लखनऊ : समाजवादी पार्टी की चौथी लिस्ट में लोकसभा चुनाव के लिए अपर्णा यादव का नाम नहीं आया तो सवाल उठने लगे। गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के संभल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के कयास लग रहे थे, लेकिन एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल से शफीक-उर-रहमान बर्क को टिकट दिया है। इस मामले में अब अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है जिसके बाद से यह साफ हो गया कि अपर्णा को फिलहाल इस लोकसभा चुनाव में इंतजार ही करना होगा। एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत में अखिलेश से जब अपर्णा को टिकट न देने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि टिकट देने के लिए जगह नहीं बची थी। एसपी लगातार लोकसभा चुनावों के लिए प्रत्याशी घोषित कर रही है। मुलायम ने खुद अपर्णा को संभल से टिकट देने की सिफारिश की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अपर्णा यादव को लोकसभा टिकट नहीं देने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि टिकट के लिए जगह नहीं बची है। इसलिए नहीं दिया। संभल एसपी का गढ़ माना जाता है और यह सीट मुलायम सिंह यादव की भी पसंदीदा सीट रही है। वह यहां से दो बार सांसद चुने रह चुके हैं। इसके बाद उन्होंने अपने भाई रामगोपाल यादव को इस सीट से चुनाव लड़ाया था। इस बार मुलायम सिंह यादव अपनी छोटी बहू अपर्णा के लिए संभल से टिकट चाहते थे लेकिन अब अखिलेश के बयान के अपर्णा को किसी भी सीट पर टिकट मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।

2017 में लखनऊ कैंट से विधानसभा चुनाव हार चुकी अपर्णा का मुलायम सिंह यादव समायोजन तो चाहते हैं लेकिन अखिलेश बहुत पक्ष में नहीं है। जबकि, कुछ महीनों पहले तक शिवपाल यादव के मंच पर दिख रही अपर्णा का रुख इधर गठबंधन के प्रति नरम हो चुका था। ऐसे में सियासी भविष्य के लिए उनके भी अलग राह चुनने के कयास तेज हैं, इससे परिवार की लड़ाई सियासी घमासान में और मुखर दिखाई देगी। एक वजह यह भी सामने आ रही है कि बीएसपी के साथ गठबंधन में आधी से भी कम 37 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली एसपी उम्मीदवारों पर सोच- विचार कर फैसले वाले रही है। इस बार बहुत ज्यादा गुंजाइश की संभावना नहीं है जबकि पिछले चुनाव में एसपी ने अमेठी और रायबरेली छोड़कर बाकी सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था। जब अपर्णा से इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि उनके बारे में नेताजी जो भी निर्णय लेंगे, वह उसका सम्मानपूर्वक पालन करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति में सिर्फ नेताजी की वजह से हैं। इससे पहले अपर्णा को लेकर चर्चा थी कि वह समाजवादी पार्टी छोड़कर सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले अखिलेश के चाचा शिवपाल की पार्टी में भी शामिल हो सकती हैं। पिछले साल अपर्णा ने शिवपाल की पार्टी के सार्वजनिक मंच पर पहुंचकर उनके पक्ष में भाषण भी दिया था। अपर्णा ने यह भी कहा था कि वह एसपी में रहेंगी या सेक्युलर मोर्चे के साथ, इसका फैसला चाचा ही करेंगे। अपर्णा ने कहा था, ‘मैं चाचा का बेहद सम्मान करती हूं। नेताजी के बाद मैंने सबसे ज्यादा शिवपाल चाचा को ही माना है।’

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